संवाददाता राज इटौंजा
पूर्व उपजिलाधिकारी ने गिरवा दिया था बाउंड्रीवाल, ऊंची रसूख के चलते नही खाली हुई तालाब की जमीन
लखनऊ। बख्शी का तालाब,लखनऊ।राजधानी से लेकर प्रदेश के सभी जिलों की तहसीलों में स्थित तालाबों पर अवैध कब्जे को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में तालाबों की भूमि पर अवैध कब्जों के विरुद्ध भले ही राज्य सरकार मोर्चा खोल रखा है लेकिन इसका असर राजधानी के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं है जबकि राजधानी की सभी तहसीलों में एंटी भू माफिया टास्क फोर्स का गठन भी हो चुका है जो सिर्फ कागजों पर कार्य कर रहा है वर्षों से तालाब,शमशान,खलिहान व राज्य सरकार में निहित जमीनों पर अपने कब्जेदारी जमाये लोग बेखौफ होकर अपना कब्जा बरकरार रखे हैं उनमें कहीं खेती हो रही है तो कहीं आलीशान इमारतें बन रही है। बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम जोन 3 में नगरी सीमा में आने वाले मड़ियांव गांव में नगर आयुक्त नगर निगम के तहसीलदार व लेखपाल व स्थानीय तहसील प्रशासन के संरक्षण में समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद एवं मौजूदा पार्षद पति प्रॉपर्टी डीलर चांद सिद्दीकी द्वारा खसरा संख्या 226 रकबा 0.025 हेक्टेयर पर स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने तालाब का अस्तित्व खत्म कर उसकी करोड़ों रुपए की भूमि पर अवैध कब्जा कर कांप्लेक्स बनाने के लिए पक्का निर्माण किया जा रहा था तो लोगों की शिकायत पर तत्कालीन एसडीएम सूर्यकांत त्रिपाठी ने तत्काल निर्माण कार्य को रोक कर गेस्ट हाउस की बाउंड्री वाल गिरवा दी गई थी।इस गेस्ट हाउस में भी करोड़ों रुपए की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है।वहीं जब भाकियू (धर्मेंद्र)गुट के उपाध्यक्ष राम प्रकाश सिंह निवासी चन्दनापुर बीकेटी ने लिखित शिकायत अधिकारियों से की तो मौके पर लेखपाल ने जांच की जिसमे अवैध काम्प्लेक्स तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण पाया गया जिसकी रिपोर्ट अधिकारियों को प्रेषित कर दी थी बावजूद इसके आज तक यह काम्प्लेक्स बरकरार है आखिर क्यो?
शिकायत के आधार पर मामला संज्ञान में आया है जांच कराकर कानूनी कार्यवाई की जाएगी , नवीन चंद्र उपजिलाधिकारी