धीरेन्द्र मिश्रा/अवध की आवाज
मुख्य बिन्दु
● वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र एवं ललितपुर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरूक करेंगे
● फसल बीमा के अन्तर्गत किसानों को खरीफ में प्रीमियम धनराशि का 02 प्रतिशत तथा रबी में 1.5 प्रतिशत देना है।
● भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक किया गया।
लखनऊ। प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को अपने निवास स्थान से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 09 किसान जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होने बताया कि यह रथ 08 जनपदों, वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र एवं ललितपुर में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरूक करने हेतु भेजे जा रहे हैं। यह जागरूकता रथ एक माह तक निरंतर अपने जनपदों में किसानों को इस योजना के प्रति जागरूक करेंगे। प्रदेश के 75 जनपदों में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिये जाने हेतु टेण्डर के माध्यम से न्यूनतम दर दाता 04 कम्पनियों में से एचडीएफसी एर्गो द्वारा अपने जनपदों में यह जागरूकता रथ भेजे जा रहे हैं। यह जागरूकता रथ अपने-अपने जनपदों में पहुंचकर किसानों से सम्पर्क करेंगे और उन्हें योजना की शर्तों एवं लाभ के बारे में बताकर बीमा कराये जाने के प्रति उत्साहित करेंगे। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेने वाले किसान यदि बीमा नहीं कराना चाहते हैं। तो उन्हें 31 जुलाई 2020 तक अपने ऋणदाता बैंक में सम्पर्क कर इस आशय का प्रार्थना पत्र देना होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों की फसल का बीमा किया जाता है। इस बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को खरीफ की फसल में प्रीमियम धनराशि का 2 प्रतिशत, जबकि रबी की फसल में 1.5 प्रतिशत देना होता है। पूर्व में किसान क्रेडिट कार्ड के अन्तर्गत ऋण लेने वाले किसानों के लिए फसल का बीमा कराया जाना अनिवार्य था। किन्तु इस बार भारत सरकार द्वारा इस योजना का लाभ लिया जाना स्वैच्छिक कर दिया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड के लगभग 6 लाख किसानों को 750 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है।