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संदिग्ध कोरोना मरीज की लाश को भेज दिया घर……आखिर क्यों पहले नहीं कराया जांच

वरिष्ठ अधिवक्ता के मौत पर आक्रोशित दोनो बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों को सोमवार को घेरने की बनाई रणनीति— मंत्री महेश कुमार सिंह

सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा।  सिविल बार एसोसिएशन के एल्डर कमेटी अध्यक्ष व वरिष्ठ संभ्रांत अधिवक्ता बाबू ईश्वर शरण सिंह की जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान मौत हो गई थी इस दौरान उनसे मिलने वालों का सिलसिला जारी था और बाबू जी को सही उपचार के अभाव में उन्होंने लगभग 10:00 बजे हम सभी को छोड चल दिये वह हमारे बीच नहीं रहे और यहीं से खेल शुरू हुआ प्रसासन के घोर लापरवाही का ।

जिला प्रशासन ने आनन-फानन में बाबूजी की लाश को उनके घर भेजना चाह तभी वहाँ मौजूद बार एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों द्वारा यह मांग की गई कि शव का कोरोना परीक्षण कराया जाए उधर लाश घर भेजने की तैयारी शुरू हुई और इधर सैम्पल लिया गया शव घर पहुंचने पर इधर रिपोर्ट प्राप्त होती है कोरोना पास्टिव तो फिर आनन-फानन में जिला प्रशासन ने मृतक ईश्वर शरण के आवास सगरा तालाब पहुंच जाती है और शव को अपने कब्जे में ले लेती है लेकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कर दी………………….. यहां कई सवाल प्रशासन पर खड़े होते हैं कि आखिर क्यों नहीं मृतक का पुत्र जो भारतीय जनता पार्टी का पदाधिकारी था और वह पिता की मौत के 4 दिन पूर्व कोविड-19 का संक्रमित पाए जाने पर उसे एक चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती करा दिया गया तो ऐसे में जिला प्रशासन ने क्यों नहीं परिवार के अन्य सदस्यों का किया था करोना जांच…..

*आखिर क्यों….चिकित्सालय में बाबू जी के उपचार के दौरान नही बरती गई विशेष सावधानी*

आखिर क्यो……..संदिग्ध शव को भेज दिया गया मृतक के निवास

उक्त मामले से आक्रोशित जनपद के सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक मणि श्रीवास्तव व महामंत्री महेश कुमार सिंह ने एक पत्र के माध्यम से नगर प्रशासन पर किए गए घोर लापरवाही की निंदा करते हुए गंभीर सवाल उठाए और आगामी सोमवार 29 जून को दोनों बार एसोसिएशन मिलकर प्रशासन का घेराव करते हुए मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग करेंगे ……….उक्त बातें बताते हुए सिविल बार एसोसिएशन के महामंत्री महेश कुमार सिंह ने यह बताया कि इतवार की सुबह लगभग 8-40 पर सीएमओ महोदय से फोन पर बात करने पर पता चला कि जांच रिपोर्ट कोरोना पास्टिव थी जिसको ध्यान में रखते हुए अंतिम संस्कार और औपचारिकताएं पूरी की गई साथ-साथ यह भी कहा कि संबंधित मामले में लापरवाही करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई अवश्य की जाएगी …..जबकि महामंत्री ने उक्त मामले की जानकारी जब जिला अधिकारी नितिन कुमार बंसल से तो उन्होंने लचीला रुख अपनाते हुए यह कह दिया कि कोरोना संक्रमित मानकर ही अंतिम संस्कार जिला प्रशासन ने कराए ।

सवाल ये उठता है कि एक तरफ सीएमओ महोदय कहती हैं कि रिपोर्ट उसी दिन आ गई थी जो निगेटिव थी जिला अधिकारी कहते हैं *मानकर*
अंतिम संस्कार किए गए आखिरी यह विरोधाभास जिला प्रशासन के बीच कब तक चलते रहेंगे और जनपद की ये भोली जनता नगर प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेगी ।

इन सबके बीच सिविल बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मंत्री के साथ ही अधिवक्ताओं ने जिला प्रशासन का घेराव करते हुए बाबूजी के उपचार में लापरवाही व कोरोना सैंपल समय से न लिया जाना जाना चिकित्सा के दौरान घोर लापरवाही किया जाना व संदिग्ध मरीज की लाश को उसके घर भेजे जाने के विरुद्ध सोमवार 29 जून्ं को होगें लामबंद और फूंकेगे विगुल।

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