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श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का बलिदान दिवस कार्यक्रम

लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी, अवध क्षेत्र कार्यालय पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलदान दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन हुआ है और उपस्थित कार्यकर्ताओं ने श्रृद्धा सुमन अर्पित किये। 
गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप  में राष्ट्रधर्म पत्रिका के प्रबन्धक, विख्यात शिक्षाविद  एवं पत्रकार डा0 पवन पुत्र बादल उपस्थित रहे। बादल ने कार्यक्रम के विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डा0 मुखर्जी का जन्म 06 जुलाई 1901 में बंगाल में हुआ था। उन्होंने बताया कि डा0 मुखर्जी स्वतंत्र भारत के पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री थे। किस प्रकार हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बाद भी जो कि कांग्रेस विरोधी पार्टी थी उसके बाद भी उनकी योग्यता को देखते हुए प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें मंत्रिमण्डल में इतना महत्वपूर्ण विभाग दिया। भारत के आजादी के बाद कश्मीर जो कि भारत का हिस्सा होने के पश्चात भी वहां जाने के लिए विशेष परमिट की आवश्यकता पड़ती थी। डा0 मुखर्जी इस व्यवस्था के धुर विरोधी थे। उन्होने इस व्यवस्था को खत्म करने की नीयत से कश्मीर में बिना परमिट प्रवेश किया और गिरफ्तार हुए। तत्कालीन भारत सरकार को पूर्व सूचना होने के बाद भी उसने डा0 मुखर्जी की कोई सहायता नहीं की और गिरफ्तारी होने दी। जिसके पश्चात 23 जून 1953 में 51 वर्ष की आयु में कश्मीर कारावास उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गयी।  भारत सरकार ने इस घटना के बाद यह विशेष परमिट की व्यवस्था खत्म कर दी। गोष्ठी की अध्यक्षता कार्यालय प्रभारी सत्य प्रकाश जी ने की एवं संचालन क्षेत्रीय महामंत्री दिनेश तिवारी ने किया। 
इस अवसर पर क्षेत्रीय महामंत्री नीरज सिंह, राजकिशोर रावत, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मान सिंह, राजीव मिश्र, क्षेत्रीय मंत्री सरोज कुमारी, जयति श्रीवास्तव, स्वतंत्र बाजपेयी, कीर्ति शुक्ला, डा0 विमल सिंह, विनोद सिंह, मनीष साहनी, गणेश वर्मा, आलोक सिंह आदि लोग उपस्थित रहें।

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