लखनऊ। गांधी परिवार 11 जून को रायबरेली आ रहा है। चुनाव के बाद राहुल गांधी अपने परिवार और अमेठी के नवनिर्वाचित सांसद केएल शर्मा के साथ जनता का आभार प्रकट करने आ रहे हैं। दादा फिरोज गांधी, दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया के बाद चौथी पीढ़ी के राहुल गांधी की ऐतिहासिक जीत के जरिए अब गांधी परिवार रायबरेली व अमेठी से भावनात्मक रिश्ता और मजबूत करेगा।इसके लिए सोनिया, राहुल, प्रियंका और अमेठी से नवनिर्वाचित सांसद किशोरीलाल शर्मा 11 जून को यहां आ रहे हैं।गांधी परिवार दोनों जिलों के लोगों को एक स्थान पर एकत्र कर जीत के प्रति आभार जताकर अपनापन दिखाएगा। 1952 से लेकर 2024 तक रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य लड़ता और जीतता रहा है। 2019 में राहुल गांधी की अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से हार के बाद परिवार का दोनों जिलों में आना-जाना कम हो गया। न तो सोनिया आईं और न ही राहुल ज्यादा आए। मां-बेटे का संसदीय क्षेत्रों में न आना राहुल की हार से जोड़कर देखा गया। यही कारण है कि इस लोकसभा चुनाव में नामांकन के अंतिम दौर तक नहीं तय हो पा रहा था कि इन जिलों से गांधी परिवार का कोई सदस्य लड़ेगा या नहीं। ऐन वक्त पर राहुल गांधी को रायबरेली और सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा को अमेठी से उतारा गया।दोनों सीटों पर कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत से एक बार फिर गांधी परिवार का लगाव स्थानीय जनता के प्रति बढ़ा है। यही वजह है कि गांधी परिवार दोनों जिलों से ऐतिहासिक जीत के लिए जनता के साथ कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करने के लिए 11 जून को आ रहा है। कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि अगली बार देशभर में कांग्रेस की बयार बहेगी। खास बात यह है कि सोनिया गांधी 2019 में लगातार पांचवीं बार विजयी हुईं लेकिन, जीत का प्रमाणपत्र तक लेने नहीं आईं। कहीं न कहीं बेटे की हार की टीस उनके मन में रही होगी। अब जब 2024 में दोनों जिलों से रिकॉर्ड जीत मिली और गठबंधन को सफलता मिली तो गांधी परिवार गदगद है। रायबरेली और अमेठी की जनता के प्रति गांधी परिवार का भावनाओं का ज्वार उबाल मार रहा है। राहुल गांधी भी परिवार के साथ जीत के एक सप्ताह के अंदर ही आ रहे हैं।