लखनऊ। नबी पाक सल्ल0 की जिन्दगी तमाम इंसानों के लिए मार्ग दर्शक है, वह सारे जहाँ के लिए रहमत बनाकर भेजे गए। उन्होंने पूरी दुनिया को तौहीद व रिसालत और अमन व सलामती का पैग़ाम दिया। सहाबाक्राम की जमाअत इस्लाम से पहले जिहालत व गुमराही की जिन्दगी गुजार रही थी। आप सल्ल0 के फैज से वह दुनिया की एक काबिल-ए-तकलीद जमाअत बन गयी। इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली चेयरमैन इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया ने किया। वह आज जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में जुमे की नमाज़ से पहले नमाजियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि खुदा पाक ने नबी पाक सल्ल0 को जो शरीअत दी है वह कयामत तक बाक़ी रहने वाली शरीअत घोषित की है। शरीअत-ए-इस्लामी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हर क्षेत्र और हर देश के लोगों के लिए सामान्य रखा है। इसी बिना पर नबी पाक सल्ल0 को आखिरी रसूल घोषित किया गया। आप सल्ल0 की शरीअत को एैसी मुकम्मल शरीअत बनाया गया जिसमें अब कोई बदलाव नही होना है और इस्लामी आदेश की हिफाजत इसी शरीअत में रखी गयी है। इस लिए इसको जानना और अपने जीवन को इसी के अनुसार ढ़ालना एक मुसलमान की हैसियत से हम सब पर अनिवार्य है। मौलाना ने कहा कि नबी पाक सल्ल0 की लायी हुई शरीअत दुनिया के तमाम इंसानों के लिए चाहे वह मुसलमान हों या गैर मुस्लिम, दुनिया के किसी क्षेत्र के नागरिक हों सब के लिए एक बड़ा उपहार है। उन्होने कहा कि रसूल पाक सल्ल0 की लायी हुई शरीअत पर सबसे पहले इंसानों की जिस जमाअत ने पूरी तरह से अमल किया वह पाक जमाअत सहाबाक्राम रजि0 की है। इंसानों की वह पाकीजा जमाअत हम सब के लिए नमूना है। उन्होंने कहा कि रसूल स॰ के मुआमले में हमें बहुत बचना चाहिए अगर हमारे मुंह से कोई एैसी बात निकल जाये जिससे रसूल स॰ की शान में गुस्ताखी हो तो समझ लीजिए हमारा सब कुछ बर्बाद होगया। मौलाना ने शिक्षा प्राप्त करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर सही शिक्षा नही प्राप्त की जायेगी तो गुमराही फैलेगी। उन्होंने कहा कि खुदा पाक का जैसा हुक्म है वैसा ही उस पर अमल करना चाहिए। अपनी ओर से उसमें कुछ भी कमी व ज्यादती न की जाए। मौलाना फरंगी महली ने लोगों से अपील की कि वक्फ़ संशोधन बिल 2024 की भरपूर मुखालिफत करें और इस सिलसिले में ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्ससनल लॉ बोर्ड की जारी की गयी हिदायत पर अमल करें। बोर्ड की तरफ से क्यू आर कोड को स्कैन करके अपना एहतिजात ज्वाइंट पार्लियामानी कमेटी को दर्ज करवायें।
Home > स्थानीय समाचार > मुहम्मद साहब की लायी हुई शरीअत में जर्रा बराबर बदलाव मुमकिन नही : खालिद रशीद