Home > स्थानीय समाचार > मायावती की टिप्पणी, भाजपा और कांग्रेस का चुनावी स्वार्थ के लिए उठाया गया कदम है ब्लैक पेपर, व्हाइट पेपर

मायावती की टिप्पणी, भाजपा और कांग्रेस का चुनावी स्वार्थ के लिए उठाया गया कदम है ब्लैक पेपर, व्हाइट पेपर

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच ब्लैक पेपर और व्हाइट पेपर (श्वेत पत्र) को लेकर जारी जंग को चुनावी स्वार्थ के लिए उठाया गया कदम करार देते हुए कहा कि ऐसी संकीर्ण राजनीति से देश व जनता का कल्याण कैसे हो सकता है। मायावती ने यहां एक बयान जारी कर कहा, कांग्रेस और भाजपा के बीच आगामी लोकसभा चुनाव से पहले गंभीर आरोप-प्रत्यारोप और ब्लैक पेपर (काला पत्र) व व्हाइट पेपर (श्वेत पत्र) जारी कर एक-दूसरे को गलत व जनविरोधी साबित करने का खेल सिर्फ और सिर्फ चुनावी स्वार्थ है और ऐसी संकीर्ण राजनीति से देश व जनता का कल्याण कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा, ऐसे समय में जब कुछ मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर देश के करोड़ों लोग जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली और ग्रामीण भारत की दुर्दशा आदि के तनावपूर्ण जीवन की मार झेलने को मजबूर हैं, इसलिए राजनीतिक दलों को स्वार्थ त्याग कर राष्ट्रीय समस्याओं पर जनता को संगठित प्रयास करने की जरूरत है।श्श् मायावती ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल को श्अन्यायकालश् बताने से पहले कांग्रेस को यह जरूर सोचना चाहिए कि अगर उनके अपने 10 साल के कार्यकाल का रिकार्ड शानदार होता तो फिर भाजपा को देश की सत्ता में आने का मौका ही नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि ठीक इसी प्रकार अगर भाजपा सरकार का पिछले 10 वर्षों का कार्यकाल जनहित, जनकल्याण, देशहित, सामाजिक एवं धार्मिक सौहार्द, शान्ति-व्यवस्था आदि के मामले में बेहतरीन होता तो करोड़ों लोग आज जीवन के हर क्षेत्र में इतने परेशान व बदहाल कभी नहीं होते और न ही महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन आदि के तंग जीवन गुजारने को मजबूर होना पड़ता। मायावती ने कहा कि वास्तव में अगर देखा जाये तो केन्द्र में सरकार चाहे कांग्रेस की हो या फिर वर्तमान में भाजपा की दोनों के शासनकाल में देश के करोड़ों दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, गरीबों, बेरोजगारों, युवाओं, किसानों, महिलाओं एवं अन्य मेहनतकश समाज का जीवन हर प्रकार से लाचार व मजबूर बना हुआ है और वे लोग अपने थोड़े अच्छे दिन को लगातार तरस रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *