लखनऊ। मड़ियांव पुलिस ने मदद के नाम पर एटीएम बूथ में लोगों के कार्ड बदल कर धोखाधड़ी से रुपये निकालने वाले दो जालासाजों को गिफ्तार किया है। मुख्य आरोपी जस्ट डायल का कर्मी निकला। वह दोस्त के साथ मिलकर एटीएम बूथ से रुपया निकालने आए ग्राहकों से ठगी करता था। गुरुवार को पुलिस ने तमाम घटनाओं को खुलासा कर जालसाजों के पास से तकरीबन 80 डेबिट कार्ड बरामद किए है। इसके बाद जालसाजों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।पुलिस उपायुक्त उत्तरी (डीसीपी नार्थ) अभिजीत.आर. शंकर ने बताया कि इन दिनों शहर में उत्तरी जोन में एटीएम बूथ से रुपया निकालने आए ग्राहकों से धोखाधड़ी की वारदात लगातार हो रही थी। आरोपितों की तलाश में सर्विलांस और क्राइम ब्रांच टीम निगरानी कर रही थी। बुधवार रात 12.40 पर पुलिस को सूचना मिली कि एक डायग्नोस्टिक सेंटर के नजदीक झोपड़पट्टी के पीछे दो संदिग्ध कार के अंदर बैठे हैं। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर युवकों को घेर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपित इधर-उधर की बातें पर पुलिस का ध्यान भटकाने लगे। फिर पुलिस का शक पर गहरा होता चला गया। डीसीपी ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने युवकों को उठा, फिर थाने लेकर उसने पूछताछ की। युवकों ने अपनी पहचान अमेठी जनपद के राजापुर मुसाफिरखाना निवासी अशीष सिंह उर्फ मनोज, अमेठी के मुंशीगंज निवासी आदर्श पांडे के रूप में की है। पूछताछ में आदर्श पाण्डेय ने बताया कि वह जस्ट डायल कंपनी में नौकरी करता है। तलाश के दौरान आरोपितों के पास से अलग-अलग बैंकों के तमाम एटीएम कार्ड, लैपटॉप समेत तीन मोबाइल बरामद किए गए हैं। एटीएम कार्ड की जानकारी लेने पर आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार कर बताया कि वह दोस्त के साथ मिलकर शहर के उन एटीएम बूथ चिन्हित करते थे, जहां सिक्योरिटी गार्ड नहीं होता है। फिर एटीएम मशीन के बाहर खड़े होकर बुजुर्गों, महिलाओं की मदद करने का झांसा देकर उनका गोपनीय पिन देख लेते थे। ग्राहकों को झांसे में लेने के बाद उनका कार्ड लेकर चंपत हो जाते थे। फिर दूसरे एटीएम बूथ से रुपया निकाल लेते थे।