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बच्चों को सुपोषित बनाने की पहल ,जनपद में 24 जून तक चलेगा वजन सप्ताह , कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का होगा चिन्हांकन

एक जुलाई से दो अक्टूबर तक चलेगा ‘संभव’ अभियान
लखनऊ। जनपद के 2730 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गुरुवार से वजन सप्ताह शुरू हुआ, जो 24 जून तक चलेगा | इसके आलावा एक जुलाई से दो अक्टूबर तक विशेष अभियान “संभव (“SAM BHAV)-पोषण संवर्धन की ओर एक कदम” चलाया जाएगा | यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) अखिलेन्द्र दुबे ने दी | उन्होंने बताया – शासन से वजन सप्ताह और संभव अभियान चलाये जाने के निर्देश मिले हैं | इस क्रम में 17 जून से 24 जून तक वजन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है | गंभीर अल्प वजन, अतिकुपोषित बच्चों (सैम) और मध्यम कुपोषित (मैम) बच्चों की सूचना एकत्रित होने के बाद इन चिन्हित बच्चों के लिए एक जुलाई से दो अक्टूबर के मध्य विशेष अभियान “संभव” चलाया जायेगा |
वजन सप्ताह के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों का वजन और लम्बाई की सूचना एकत्र की जा रही है | इसके आधार पर गंभीर अल्प वजन, अतिकुपोषित बच्चों (सैम) और मध्यम कुपोषित (मैम) बच्चों के आंकडे जुटाए जायेंगे | इसके साथ ही इस अभियान में दिव्यांग बच्चों को भी चिन्हित किया जा रहा है | इसके लिए जिला स्तर पर प्रशिक्षण पहले से ही कराया जा चुका है |
डीपीओ ने बताया- पोषण स्तर में सुधार के लिए कुपोषण की सही समय से पहचान एवं प्रबन्धन पोषण अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण रणनीति है | कुपोषित बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारियाँ एवं उनसे होने वाली मृत्य का खतरा अधिक बढ़ जाता है | कुपोषण की सबसे गंभीर श्रेणी में सैम, मैम व गंभीर अल्प वजन के बच्चे आते हैं | सैम, मैम व गंभीर अल्प वजन के बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें चिकित्सीय उपचार, परामर्श तथा गृह आधारित देखभाल के माध्यम से स्वस्थ व पोषित बनाना बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का संयुक्त प्रयास है | कुपोषित बच्चों की संख्या निर्धारण करना इस संयुक्त प्रयास का पहला कदम है |
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया- संभव अभियान का मुख्य उद्देश्य सैम, मैम और गंभीर अल्प वजन वाले बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है | वजन सप्ताह में चिन्हित किये गये सैम, मैम व गंभीर अल्प वजन बच्चों के लिए सघन सामुदायिक गतिविधियाँ जैसे साप्ताहिक गृह भ्रमण, स्वास्थ्य जाँच, चिकित्सीय उपचार, पोषण पुनर्वास केंद्र/ चिकित्सीय इकाई में संदर्भन आयोजित किया जाएगा | इसी क्रम में 20 से 25 सितम्बर के मध्य पुनः वजन सप्ताह का आयोजन करते हुए प्रगति का निर्धारण किया जायेगा |
श्री दुबे ने बताया- कुपोषण की रोकथाम एक समग्र रणनीति से ही संभव है | इसलिए कुपोषित बच्चों के साथ-साथ पोषण प्रोत्साहन के अन्य थीम पर भी जन जागरूकता सम्बन्धी गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी | इसी क्रम में आभियान के तहत जुलाई में मातृ पोषण, अगस्त में जीवन के पहले 1000 दिन और सितम्बर में सैम/मैम का उपचार थीम होगी | सितम्बर में यह थीम पोषण माह के साथ-साथ आयोजित की जाएगी |
अभियान की समाप्ति पर पोषण की श्रेणी में आये हुए बदलाव का पुनः आकलन किया जायेगा और हर जिले से तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, तीन मुख्य सेविका और तीन बाल विकास परियोजना अधिकारी को पुरस्कृत किया जायेगा |

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