मोहनलाल गंज , लखनऊ । एक तरफ सरकार ग्रामीणो की पेय जल समस्या को दूर करने के लिए गांवो में एक मात्र विकल्प इंडिया मार्का नलो को लगवा कर ग्रामीण जनता को पीने के लिए पानी की किल्लत को दूर करने की कोशिश कर रही है । इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु जनप्रतिनिधियों के माध्यम से व जलनिगम और विकास खंड कार्यालयों में तैनात अधिकारियों के मार्फ़त और पंचायत सचिवों व ग्राम प्रधानो के जरिये दूर-दराज के गांवो जहाँ पेय जल की किल्लत है ,उसे शासन स्तर से दूर कराने के लिए सतत प्रयासरत है ।
वही दूसरी ओर तहसील मोहन लाल गंज के अधिकांश गांवो में शासन के इस उद्देश्य का मखौल उड़ाया जा रहा है जहाँ लगे सरकारी इंडिया मार्का नलो पर अवैध कब्जेदारी के चलते आम आदमी को इस चिलचिलाती गर्मी में पीने के लिए पानी तक मयस्सर नही हो पा रहा है । और ग्रामीणों की तमाम शिकायतों के बावजूद सरकारी इंडिया मार्का नलो से अवैध कब्जेदारी हटाने में शासन-प्रशाशन नाकाम साबित हो रहा है , और गांवो में रहने वाले गरीब तबके के लोग बून्द बून्द पानी के लिए तरस रहे है । ऐसा भी नही है कि गांवो में सरकारी इंडिया मार्का नल नही लगे है , कुछ नल तो सार्वजनिक स्थानों पर लगे है जहां पर कोई भी राहगीर व ग्रामीण पानी पीकर अपनी व अपने परिवारों की प्यास बुझा लेता है । वही दूसरी ओर ग्रामीणों के घरों के बाहर लगे इंडिया मार्का नलो में आस पड़ोस के रहने वाले ग्रामीण व राहगीर पानी पीने लिए तरस रहे है , विडम्बना ये है कि जिन ग्रामीणों की जमीनों में सरकारी इंडिया मार्का नल लगे है , उनमे कुछ ग्रामीणों को छोड़ कर अधिकतर ग्रामीण सरकारी इंडिया मार्का नलो में समर्सिबल तो लगवा ही चुके है , और कइयों ने तो उन सरकारी नलो को बाउड्रीवालो के अंदर कर उस पर अपना स्वामित्व स्थापित कर सरकार के मंसूबो पर पानी फेर दिया है , इतना ही नही कुछ ग्रामीणों के घरों के बाहर उनकी जगहों में लगे इंडिया मार्का सरकारी नलो में उनकी दबंगई के आगे कोई भी पड़ोसी पानी भरने की हिमाकत नही कर पा रहा है , यदि उन सरकारी नलो में ग्रामीण पीने के लिए पानी भरने पहुच जाता है तो जिनकी जगहों में नल लगा है वो पानी भरने गयी बहन- बेटियों व अपने ही पड़ोसियों से शिष्ट ब्यवहार नही करते बल्कि मामला गाली गलौज से लेकर मारपीट तक की नौबत बन जाती है । और पीड़ित ग्रामीण उनके विरुद्ध प्रशाशनिक अधिकारियों के सामने मौखिक व लिखित शिकायत कर न्याय की आस में दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है । लेकिन उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों से महज कोरे आस्वाशन के शिवा आज तक कुछ न मिल सका । वही दूसरी ओर सरकारी इंडिया मार्का नलो से अवैध कब्जेदारी हटवाना दो दूर की बात बल्कि अवैध सरकारी इंडिया मार्का नलो पर अवैध कब्जा किये कब्जेदारों को चिन्हित कर एक नोटिस तक नही भेजी गयी । जिससे सरकारी इंडिया मार्का नलो पर अवैध कब्जेदारी किये दबंगो के हौसले बुलंद है । और वही सरकारी इंडिया मार्का नलो पर अवैध कब्जेदारी से पीड़ित ग्रामीणों को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा महज अब तक आस्वाशन कि घुट्टी ही मिल सकी है , और उनकी उदासीनता का खामियाजा गरीब तबके के ग्रामीणों को सरकारी इंडिया मार्का नलो से पानी न भर पाने के रूप में चुकता करना पड़ रहा है , और भुक्तभोगी ग्रामीण दूर लगे या किसी पड़ोसी के निजी नल से पीने का पानी लाकर अपने परिवारों को पिलाने को विवश है , और ऐसे लोगो पर जिन्होंने सरकारी संपत्ति पर अपना अधिकार जमा रखा है , उन पर कार्यवाही न होने से ग्रामीण जनता में अधिकारियों की लापरवाही को लेकर खासा रोष व्याप्त है ।।
क्या कहते है जिम्मेदार
ग्रामीणों की पेयजल की इस विषम समस्या के विषय मे वी.डी. ओ. मोहन लाल गंज भोलानाथ कनौजिया ने बताया कि ग्रामीणों की इस जटिल समस्या को बहुत जल्द दूर किया जाएगा , इस सम्बंध में काफी शिकायते आ रही है , जिसके सापेक्ष बहुत जल्द जांच कराके दोषियों के ऊपर कार्यवाही की जाएगी , और सरकारी इंडिया मार्का नलो को अवैध कब्जेदारी से मुक्त कराया जाएगा।।
किन किन पंचायतो से आ रही अधिक शिकायते ,
जबरौली , मऊ , सिसेंडी , कुबहरा , गोविंदपुर , नगराम , परसपुर , भद्दी खेड़ा , अतरौली , सहित अधिकांश गांवो में ये समस्या बनी है , ।।
मोहम्मद सलीम