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नानकदेव के प्रकाशोत्सव पर नगर कीर्तन कराया

अवध की आवाज दैनिक पेपर विनोद कुमार सिंह जिला संवाददाता गोंडा

गुरु नानक के प्रकाश उत्सव पर्व पर नगर में कीर्तन का हुआ आयोजन
गोंडा। गुरु नानकदेव के प्रकाशोत्सव पर वीरवार को शहर में नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न समुदायों के लोगों ने श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की पालकी साहिब के समक्ष माथा टेक कर अपनी खुशी का इजहार किया। गुरु घर के प्रवक्ता बलविंद्र सिंह के अनुसार नगर कीर्तन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में शानदार ढंग से सुशोभित किया गया और पालकी साहिब की अगुवाई विशेष रूप से पंजाब से मंगवाए गए मिलिट्री बैंड के साथ-साथ गुरु के पंज प्यारे कर रहे थे। पीछे-पीछे समूह संगत सतनाम वाहे गुरु एवं गुरबाणी का जाप करती हुई नगर कीर्तन के साथ चल रही थी। जबकि सुखमणी साहिब की सेवादार पंज प्यारों के साथ आगे-आगे सुखमणी साहिब का सिमरण करे हुए झाडू की सेवा लगा रही थी। नगर कीर्तन गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब से शुरू हो कर पुरानी कचहरी, शहर पुलिस थाना, मुख्य बाजार, तांगा चौंक, पंजाबी बाजार, गुरुद्वारा पंजाबी सेवक सभा, शास्त्री मार्केट होता हुआ झांझ गेट स्थित सिंह सभा गुरुद्वारा पहुंचा। वहां जलपान छकने के बाद नगर कीर्तन रुपया चौक, बत्तख चौक, सफीदों गेट, सफीदों रोड, हिंदू कन्या महाविद्यालय व बाल भवन के सामने से होता हुआ गोहाना रोड व रानी तालाब होता हुआ गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में जाकर संपन्न हुआ। यहां पर गुरुद्वारा मैनेजर मोहन सिंह व गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी गुरविंद्र सिंह रत्तक द्वारा नगर कीर्तन का स्वागत किया गया। गुरुद्वारा मैनेजर मोहन सिंह व हेड ग्रंथी ज्ञानी गुरविंद्र सिंह ने कहा कि गुरु नानकदेव ने कहा है कि ईश्वर एक है और वह सर्वत्र विद्यमान है। इसलिए सबके साथ प्रेम पूर्वक रहना चाहिए। किसी भी तरह के लोभ को त्याग कर अपने हाथों से मेहनत कर एवं न्यायोचित तरीकों से धन का अर्जन करना चाहिए। कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए, बल्कि मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए। धन को जेब तक ही सीमित रखना चाहिए, उसे अपने हृदय में स्थान नहीं बनाने देना चाहिए। स्त्री का हमेशा आदर करना चाहिए। तनाव मुक्त रहकर अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए और सदैव प्रसन्न भी रहना चाहिए। संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों पर विजय पाना अति आवश्यक है। अहंकार मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देता है। इसलिए अहंकार कभी नहीं करना चाहिए, बल्कि विनम्र हो सेवा भाव से जीवन गुजारना चाहिए। गुरु नानक देव पूरे संसार को एक घर मानते थे। जबकि संसार में रहने वाले लोगों को परिवार का हिस्सा समझते थे। इस अवसर पर भाई कन्हैया सेवा दल, भाई सोमाशाह सेवा दल, सभी सुखमणी सेवा सोसायटियां और गुरु तेग बहादुर सेवा दल की सेवादार शुरू से लेकर आखिर तक नगर कीर्तन की सेवा में लगे रहे। नगर कीर्तन में उपवन सिंह के नेतृत्व में गतका के जौहर दिखाए गए। जिसमें गतके के साथ-साथ तलवारबाजी का शानदार प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर रणजीत सिंह, हरविंद्र सिंह, प्रीतम सिंह, गुरविंद्र सिंह, पूर्ण सिंह, गुरजिंद्र सिंह, जसबीर सिंह टीटी, प्रवीण आनंद, कृपाल सिंह, शोभा सिंह, महेंद्र सिंह व जोगेंद्र सिंह पाहवा भी मौजूद रहे।

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