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बचपन दिवस के दौरान 494 आंगबाड़ी केन्द्रों पर 1675 बच्चों को बांधी पोषण राखी

रिपोर्टर संदीप

बलरामपुर 05 अगस्त। भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक त्यौहार रक्षाबंधन 15 अगस्त को है लेकिन मासूम बच्चों के बेहतर भविष्य और पोषण के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नन्ही कलाई पर राखी बांधी। उपहार के तौर पर बच्चों की माताओं से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने उन्हे 6 माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाने की शपथ दिलाई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बनाई गई इन राखियों का नाम है ‘‘पोषण राखी’’, जिसमें माताओं को स्तनपान के प्रति जागरूक करने वाले स्लोगन लिखे हैं।
सोमवार को गैसड़ी और बलरामपुर देहात के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित बचपन दिवस के दौरान विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान गैसड़ी ब्लाक के 219 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 1110 बच्चों व बलरामपुर देहात के 275 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 565 बच्चों को पोषण राखी बांधी गई। इसके अलावा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जन स्वास्थ्य व स्वच्छता दिवस के दौरान जन समुदाय को हाथों की साफ सफाई, शुद्ध पेयजल, खुले में शौच, कृमिनाशक दवाई आदि के बारे में जागरूक किया गया।
पोषण राखी में छुपा है स्तनपान के महत्व का संदेश
-सीडीपीओ गैसड़ी गरिमा श्रीवास्तव ने बताया कि विश्व स्तनपान दिवस पर महिलाओं को स्तनपान के प्रति जागरूक करने के लिए पोषण राखी का अनोखा तरीका इजात किया गया है। दो ब्लाकों के 494 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पोषण राखी बनाई है। इन पोषण राखियों में संदेश है कि मां का दूध है सबसे अच्छा, सेहतमंद रहेगा बच्चा। मां का दूध बच्चे का सर्वोत्तम आहार। मां का दूध बच्चे का पहला टीका। भीषण गर्मी में भी पानी नहीं सिर्फ मां का दूध, जन्म के एक घंटे के भीतर कराएं स्तनपान। स्तनपान है ऐसी युक्ती, शिशु को दे पूरी चुस्ती जैसे तमाम स्लोगन लिखी पोषण राखियों बच्चों की कलाई पर बांधकर 6 माह तक सिर्फ स्तनपान पर विशेष जोर दिया गया है।
जन्म के एक घंटे के भीतर 28.8 प्रतिशत बच्चों को ही मिलता है मां का दूध
-राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार जिले में जन्म के एक घंटे के अंदर मात्र 28.8 प्रतिशत शिशु ही मां के गाढ़ा पीला दूध का सेवन कर पाते हैं। मात्र 68.6 प्रतिशत बच्चे ही जन्म से 6 माह तक सिर्फ मां का दूध पीते हैं जबकि, बच्चे के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पीला एवं गाढ़ा दूध एवं जन्म से 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी माना जाता है।
जच्चा और बच्चा दोनों के लिए वरदान है स्तनपान
-सीडीपीओ राकेश शर्मा ने बताया कि डबलूएचओ के अनुसार स्तनपान कराने से 50 प्रतिशत माताएं अर्थराइटिस, 28 प्रतिशत माताएं ब्रेस्ट कैंसर, 19 प्रतिशत माताएं कोलेस्ट्राॅल, 11 प्रतिशत माताएं हाईपरटेंशन, 10 प्रतिशत माताएं हृदयरोग, 26 प्रतिशत माताएं डायबिटीज का शिकार होने से बच जाती हैं जबकि 30 प्रतिशत माताएं मोटापे का शिकार नहीं होतीं। बच्चों के फायदे के बारे में बात करें तो समय पर स्तनपान से 2 लाख 20 हजार बच्चों की जान बचाई जा सकती है। यदि बच्चे को 4 महीने अधिक मां का दूध मिले तो 72 प्रतिशत बच्चों में सांस की समस्या कम हो जाती है, 36 प्रतिशत बच्चों की असमय मौत नहीं होती, 23 प्रतिशत बच्चों को कान में इन्फेक्शन नहीं होता, 30 प्रतिशत बच्चों को टाइप 1 डाइबिटीज नहीं होता और 20 प्रतिशत बच्चों के टिश्यू को मजबूती मिलती है।

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