उन्नाव। यूपी में भाजपा की बिगड़ी चाल के लिए सूत्रों के मुताबिक सबसे अधिक जिम्मेदार पार्टी के बड़े नेताओं का अति आत्मविश्वास है। जिस तरह से स्थानीय और पार्टी के कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हुए टिकट का बंटवारा किया गया सूत्रों के मुताबिक उससे ही भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ। लोकसभा चुनाव में अबकी बार 400 पार का नारा देने वाली भाजपा की रणनीति यूपी के सियासी जमीन पर फेल साबित हुई। इस बार न तो भाजपा संगठन की तैयारी कारगर रही और न ही मतदाताओं पर सरकार की कल्याणकारी योजना का ही असर हुआ। इस चुनाव से साफ हो गया है कि कार्यकर्ताओं में छाई मायूसी व असंतोष के साथ ही चुनाव प्रबंधन की कमियो ने भाजपा के कम सीटें जीतने के लक्ष्य में सबसे बड़ी बाधा पैदा हुई की। माना जा रहा है कि यूपी में भाजपा की बिगड़ी चाल के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार पार्टी के ही बड़े नेताओं का अति आत्मविश्वास है ।भाजपा के लिए प्रदेश में हार को भी भाजपा के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है। चुनाव परिणाम के मुताबिक पार्टी के बड़े नेताओं के घरों में भी भाजपा पस्त हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेताओं की जीत की मार्जिन में भारी कमी आई है। वहीं चुनाव लड़ने वाले केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के चार में से दो मंत्री भी चुनाव हार गए। कई सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को कड़ा संघर्ष का सामना करना पड़ा है।
अवध की आवाज , गुड्डू मिश्रा ब्यूरो चीफ उन्नाव