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थानाध्यक्ष ने भीड़ के सामने जोड़े हाथ, 24 घंटे बाद उठा शव

अयोध्या । महराजगंज थाना क्षेत्र के कोटवा गांव के रहने वाले अमन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में बुधवार को भी तनाव छाया रहा। युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए बुधवार सुबह बड़ी संख्या में भीम आर्मी के कार्यकर्ता और ग्रामीण पुलिस से उलझे रहे। कई घंटे तक चले हंगामे और बहस के बीच थानाध्यक्ष को भीड़ के सामने हाथ जोड़ना पड़ा। इसके बाद जाकर लोग मानें। तकरीबन 24 घंटे बाद परिजन दाह संस्कार के लिए राजी हुए। जन्माष्टमी वाली रात अमन(18) का शव उसके घर के पास पाया गया था। इसके बाद परिजनों मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचे शव को ब्लॉक तिराहे रख कर जाम लगा दिया था। करीब एक घंटे तक चले जाम के दौरान हत्या का आरोप लगाते हुए परिजनों और ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया और शव घर ले आए। इसे लेकर हलकान पुलिस सारी रात मान मनौव्वल करती रही, लेकिन परिजन नहीं माने। बुधवार सुबह बड़ी संख्या में भीम आर्मी के कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष संजय रावत के नेतृत्व में कोटवा गांव पहुंच गए। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के पहुंचने के बाद ग्रामीण भी जुट गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा करने लगे। बिना कार्रवाई के दाह संस्कार न करने पर अड़े लोगों को समझाने में पुलिस के पसीने छूटने लगे। इस दौरान महिलाओं ने भी घेराव कर पुलिस पर आरोपियों को बचाने का खेल करने का आरोप लगाते हुए चीख चिल्लाहट शुरू कर दी। लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस बैकफुट पर आ गई। इस दौरान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे सीओ सदर संदीप सिंह और भीम आर्मी के अध्यक्ष के बीच तीखी वार्ता हो गई। इसके बाद थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह को बड़ी मिन्नतें करनी पड़ीं। यहां तक की भीड़ के सामने उन्हें नौकरी की दुहाई देते हुए हाथ तक जोड़ना पड़ गया। परिजन भी रिपोर्ट दर्ज कराने पर अड़े रहे, तब जाकर भाई की तहरीर पर मृतक अमन के तीन दोस्तों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर कापी परिजनों और भीम आर्मी को सौंपी गई। तब जाकर पुलिस की सुरक्षा के बीच शव उठाया गया और गांव के निकट ही अंतिम संस्कार किया गया। तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस अभी भी कैंप कर रही है। जन्माष्टमी के दिन 26 अगस्त को महराजगंज थाना क्षेत्र के कोटवा गांव निवासी अमन पुत्र दयाराम के यहां तीन दोस्त 6रू30 बजे पहुंचे और श्रीकृष्ण महोत्सव दिखाने के लिए बुला कर ले गए। रात करीब एक बजे अमन का शव उसके घर के पास पाया गया। संदिग्ध परिस्थितियों में शव पाए जाने के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मंगलवार दोपहर परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए ब्लाक तिराहे पर शव रख कर जाम लगा दिया। घंटों चले जाम के दौरान पुलिस अंतिम संस्कार के लिए विनती करती रही लेकिन केस दर्ज होने तक परिजनों ने दाह संस्कार से इंकार करते हुए शव घर ले आए थे। बुधवार को हंगामे के बाद पुलिस ने भाई रमन की तहरीर पर अमन के दोस्तों प्रिंस वर्मा पुत्र महादेव वर्मा निवासी कादीपुर, विकास पुत्र अक्षय लाल कोटवा, रवि वर्मा पुत्र सरकार वर्मा कादीपुर समेत एक अज्ञात के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। महराजगंज थाना थाना प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों की तहरीर पर तीन नामजद समेत एक अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है। गांव में शांति व्यवस्था बरकरार है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के पेट में और पैर में बाएं और कंधे पर चोट के निशान पाए गए हैं।

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