किसी के पार्थिव शरीर को मान देनें हेतु राष्ट्र के ध्वज को कफ़न बनाना क्यूँ जरुरी है
लखनऊ | आज फिर से अदाकारा श्रीदेवी को राजकीय सम्मान देनें के नाम पर राष्ट्रध्वज को “कफ़न” बनाकर अपमानित किया गया ऐसा लगता है कि राष्ट्रध्वज को कफ़न बनाये बिना आत्मा को शांति नहीं मिलेगी, पहले भी बहुतेरे लोग कफ़न बनाते रहे हैं और राजकीय सम्मान के नाम पर भी इसे कफ़न बनाया जाता है जबकि ऐसा करनें की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है | सजग नागरिक के नाते लखनऊ निवासी प्रताप चन्द्रा नें गृह मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखा कि देश में किसी भी नागरिक की मृत्यु दुखदाई है परन्तु राजकीय सम्मान के नाम पर हमारे देश के राष्ट्रध्वज को “कफ़न” बनाना क्यूँ जरुरी होता है ? ये प्रश्न इसलिए खड़ा है क्यूंकि किसी भी पार्थिव शरीर पर सीधे टकराते हुए कोई भी कपड़ा डाला जाये तो उसे “कफ़न” ही कहते हैं तो क्या किसी का मान बढानें हेतु मेरे देश के राष्ट्रध्वज को “कफ़न” बनाकर अपमानित करना ज़रूरी है ? ये बात केवल राजकीय सम्मान हेतु कह रहा हूँ सेना व् सैनिक के लिए नहीं क्यूंकि वो ताबूत के ऊपर राष्ट्रध्वज का इस्तेमाल करते हैं, परन्तु राजकीय सम्मान सरकार किसी को भी अपने विवेकानुसार दे देती है चाहे फ़िल्मी एक्टर ही क्यूँ न हो | अतः आपसे निवेदन और अपेक्षित है कि अब राष्ट्रध्वज को “कफ़न” बनाकर राजकीय सम्मान देनें के इस नियम की समीक्षा कर तत्काल बदलें, अगर राजकीय सम्मान में पार्थिव शरीर हेतु राष्ट्रध्वज का इस्तेमाल करना जरुरी ही है तो कम से कम ताबूत के ऊपर इस्तेमाल हो बजाये सीधे पार्थिव शरीर पर डालकर “कफ़न” बनानें के |