नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय को बजट सत्र 2018-19 में 2,843 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं, जो पिछले सत्र से 105 करोड़ रुपये ज्यादा है। बजट सत्र 2017-18 में मंत्रालय को 2,666 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे जो बाद में बढ़कर 2,738 करोड़ रुपये हो गए थे। ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण और विकास का काम करने वाले भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) के लिए 974 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। पिछले सत्र में एएसआई को 922 करोड़ रुपये मिले थे। कला संस्कृति विकास योजना को 310 करोड़ रुपये मिले हैं। ‘पुस्तकालयों पर राष्ट्रीय मिशन’ से संबंधित पुस्तकालय और पुरातात्विक मामलों की योजनाओं के लिए इस सत्र में 100 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं, वहीं पिछले सत्र में 50 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। ‘बौद्ध तिब्बती संस्थान और स्मारक योजना’ के लिए पिछले सत्र के 98 करोड़ रुपये की तुलना में इस सत्र में 106 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। पूर्वोत्तरी क्षेत्रों के सांस्कृतिक विकास के लिए 175 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। ‘हस्तलिपि के संरक्षण का राष्ट्रीय मिशन’ योजना को आवंटित निधि में भी पिछले सत्र से वृद्धि हुई है। संग्रहालयों, भारतीय मानविकीय संरक्षण (एएनएसआई) और अन्य सांस्कृतिक परियोजनाओं के लिए कोई बड़ी राशि स्वीकृत नहीं हुई।