लखनऊ। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिये जाने के निर्णय को स्वागत योग्य कहा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इसके पहले इण्डिया गठबंधन के झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को जमानत प्रदान की। वही सर्वोच्च न्यायालय ने सभी तथ्यों के मददेनजर यह माना है कि अरविन्द केजरीवाल की याचिका जमानत योग्य है। शुक्रवार को राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा जांच एजेन्सियों का दुरूपयोग फ्रन्टल संगठन के रूप में कर रही है। उन्होने कहा कि मोदी सरकार देश में विपक्ष के नेताओं की आवाज दबाने के लिए इन एजेन्सियों के सहारे आतंक तथा भय माहौल बना रही है। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा केजरीवाल की जमानत को मंजूर किये जाने का फैसला भाजपा सरकार की तानाशाही पर करारा तमाचा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि इससे मोदी सरकार यह सबक ले कि लोकतंत्र में विरोधी नेताओं को प्रताड़ित करना उचित नही है। वहीं उन्होने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुल्डोजर चलाने के मामले मे भी सुप्रीम कोर्ट की तल्खी को सर्वथा उचित करार दिया। उन्होनें कहा कि शीर्ष अदालत ने कानून के विपरीत सम्पत्ति ध्वस्तीकरण को कानून के राज के विपरीत करार देकर भाजपा की तुगलकी नीति को कड़वी नसीहत दी है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि ताजा रिर्पोट है कि दुनिया के बाजार में इस समय कच्चे तेल की कीमतो मे भारी गिरावट आ रही है। उन्होने कहा कि इसके बावजूद मोदी सरकार देश में पेट्रोल व डीजल के मूल्य सिर्फ चंद पूंजीपतियों के हित में सस्ते नही कर रही है। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मौजूदा समय में अघोषित विद्युत कटौती को लेकर भी सरकार की अक्षमता पर सवाल दागा। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार आवश्यकता की मांग के बावजूद सरप्लस बिजली नही खरीदने की अदूरदर्शिता दिखला रही है। उन्होनें सरकार से कहा कि वह हर हाल में यह सुनिश्चित करे कि लोगों को सुचारू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का बयान शुक्रवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।
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