लखनऊ। राजधानी लखनऊ में जलभराव और सीवर की समस्या अब शासन स्तर पर चिंता का विषय बन गया है। मंगलवार को मुख्य सचिव ने इसको लेकर जलकल, नगर निगम और जल निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव मनोज सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी टूटे नालों को तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाए। इसके अलावा वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज की सीवरेज, जल निकासी, पेयजल की व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। जलकल के अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ में करीब 5.50 लाख मकान के सामने से सीवर लाइन गुजरती है। लेकिन अभी तक महज 4.50 लाख लोगों के यहां कनेक्शन जुड़ा है। मुख्य सचिव ने सभी लोगों के यहां कनेक्शन जोड़ने को कहा है। आने वाले कुछ महीनों अंदर यह काम पूरा करना है। जिससे कि इन इलाकों में नाले का पानी सीवर में प्रवाहित नहीं होना चाहिए। इसके अलावा वह इलाके जहां पर पेयजल के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है, वहां सभी घरों को शीघ्र पेयजल कनेक्शन से जोड़ा जाए। इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाए।उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में नाले टूटे हैं वहां सूची बनाकर उसको जल्द ठीक किया जाए। बारिश के दौरान जल भराव की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए। इसके लिए एक बेहतर कार्ययोजना बनाने की आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सीवर का पानी नाले में तथा नाले का पानी में सीवर में न जाए, इसके लिए भी एक प्लान तैयार किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, सचिव नगर विकास अजय कुमार शुक्ला, विशेष सचिव नगर विकास अमित कुमार सिंह, नगर आयुक्त लखनऊ इन्द्रजीत सिंह सहित तमाम अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।