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यूपी बोर्ड से बदतर लोक सेवा आयोग के हालात

बड़ी मुश्किल से धुला दाग, फिर उठे सवाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज जूनियर डिवीजन यानि पीसीएस-जे भर्ती 2022 की मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने और पन्ने फाड़ने के आरोप ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। इससे पहले यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के दौरान उत्तरपुस्तिका बदलने या कवर पेज फाड़कर दूसरे परीक्षार्थी का पेज लगाने के आरोप लगते थे।ऐसे मामले हाईकोर्ट पहुंचने पर यूपी बोर्ड ने कई स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और कई स्कूलों को परीक्षा से डिबार तक कर दिया। पिछले कुछ सालों में कॉपी की सिलाई करने और पन्नों की लाइनों का रंग बदलने से इन घटनाओं को रोकने में यूपी बोर्ड तो सफल हो गया लेकिन सबसे गोपनीय तरीके और फुलप्रूफ सुरक्षा में परीक्षा कराने वाला लोक सेवा आयोग ही कॉपियों को सुरक्षित नहीं रख सका। 2012 से 2016 तक की भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोपों से निकलने में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को काफी मेहनत करनी पड़ी। 2017 से अब तक आयोगों की भर्तियां न सिर्फ पटरी पर आई बल्कि कोई बड़ा सवाल खड़ा नहीं हुआ। हालांकि पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3019 अभ्यार्थियों की 10842 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कराने के आयोग के फैसले ने फिर से सवाल खड़े होने लगे है। निश्चित रूप से अपनी पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए आयोग ने बड़ा फैसला लिया है लेकिन प्रतियोगी छात्रों के जेहन में पुराने कारनामे ताजे होने लगे हैं।

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