लखनऊ। लखनऊ साइबर टीम ने डिजिटल अरेस्ट कर 30 लाख 50 हजार की ठगी करने वाले दो आरोपियों गिरफ्तार किया है। दोनों जालसाज कस्टम अधिकारी बनकर लोगों को झांसे में लेते थे। पार्सल में फर्जी पासपोर्ट, एटीएम कार्ड बताकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल भेजने की धमकी देते। इसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके मोटी रकम ऐंठ लेते। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लखनऊ के गाजीपुर थाना में निरंजन सिंह नाम के शख्स ने 30 लाख 50 हजार की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि 25 फरवरी को एक अज्ञात कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कस्टम अधिकारी बताया। बोला आपके नाम का पार्सल है, जिसमें जाली पासपोर्ट और एटीएम है। आपके नाम का मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज होगा। इसके बाद सीबीआई और एनआईए का अधिकारी बताकर कॉल किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर दिया। खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए डराना धमकाना शुरू किया। कोर्ट का फर्जी सीजर ऑर्डर भेजकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। इसके बाद अलग-अलग ट्रांजेक्शन करवाकर 30.50 लाख ठग लिए। तकनीकी एनालिसिस टीम और बैंक स्टेटमेंट की मदद से आगरा के राजीव भसीन पुत्र श्याम भसीन और आगरा के ही बेलनगंज निवासी मोहित चोपड़ा को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया, फर्जी फर्मों के नाम पर करेंट अकाउंट खुलवाकर विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर को अकाउंट के क्रेडेन्शियल व्हाट्सअप और टेलीग्राम पर भेज दिया करते थे। धोखाधड़ी की ट्रांजेक्शन इन खातों पर होती थी। ट्रांजेक्शन की ओटीपी विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर को भेजने के लिए एक ष्।ज व्जच थ्वतूंतकमत एप का इस्तेमाल करते थे। इस एप के जरिए ओटीपी विदेश में चला जाता था। विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर पूरे ट्रांजेक्शन का 1.8 प्रतिशत दोनों को यूएसडीटी के रूप में भेज देते थे। यह लोग अपने साथियों के साथ विदेशी फ्रॉडस्टरों से सीधे जुड़े हुए थे। पुलिस जांच में पता चला कि देश की कुल 39 घटनाओं के 1.68 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। जिसमें उत्तर प्रदेश से 1, आन्ध्र प्रदेश से 6, हरियाणा से 2, महाराष्ट्र से 2, राजस्थान से 3, तेलंगाना से 6, असम से 2, बिहार से 1, गुजरात से 3, केरल से 3, कर्नाटक से 3, मध्य प्रदेश से 2, पश्चिम बंगाल से 1 अपराध दर्ज है।