12 जुलाई से घर-घर जाकर दवा खिला रहीं हैं आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
हरदोई। जनपद में 12 जुलाई से शुरू हुआ फाइलेरिया उन्मूलन अभियान 26 जुलाई तक चलेगा। इसके तहत घर-घर जाकर आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों को फाइलेरिया की दवा खिला रही हैं। अभियान के पहले दिन से 15 जुलाई तक करीब 11.37 लाख लोगों ने फ़ाइलेरिया की दवा का सेवन किया है, जिसमें करीब 5.88 लाख पुरूष और करीब 5.49 लाख महिलाएं शामिल हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. धीरेन्द्र सिंह ने दी। उन्होंने बताया- फाइलेरिया की बीमारी मच्छरों से फैलती है। यह बीमारी बड़े पैमाने पर लोगों को दिव्यांग बना सकती है।
डा. धीरेन्द्र ने बताया- स्वास्थ्यकर्मी घर – घर जाकर दवा का सेवन करा रहे हैं। जो लोग दवा का सेवन करने से मना कर रहे हैं, उन्हें समझा – बुझाकर इस दवा का सेवन कराया जा रहा है। इस अभियान के तहत लोगों को आइवर्मेक्टिन, अल्बेंडाजोल और डाई मिथाइलकार्बामजीन दवा दी जा रही है। आइवर्मेक्टिन एंटी निमेटोड है और यह गोली ऊंचाई के हिसाब से दी जा रही है। दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को इस दवा का सेवन नहीं करना है।
नोडल अधिकारी ने बताया- इस बीमारी से बचाव ही इसका सही उपचार है क्योंकि यदि समय पर इस बीमारी की पहचान और उपचार नहीं किया जाए तो जीवन भर इस बीमारी से छुटकारा नहीं मिल सकता है। इस बीमारी के मुख्य चार चरण होते हैं, पहले और दूसरे चरण में यदि बीमारी की पहचान और इलाज हो जाता है तो पीड़ित बिलकुल ठीक हो सकता है जबकि तीसरे व चौथे चरण का संक्रमण आजीवन रहता है और यह व्यक्ति को दिव्यांग बना देता है। फाइलेरिया संक्रमण के लक्षण काफी लम्बे समय बाद परिलक्षित होते हैं, इसलिए फ़ाइलेरिया की दवा साल में एक बार लगातार पांच साल तक खाने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।