रंजीव ठाकुर
लखनऊ। फलों का राजा कहे जाने वाले आम की हालत आज बहुत आम हो गई है। आम उत्पादन से जुड़े हुए उत्पादक आज घर बैठ रोने को मजबूर है जिसके लिए भारत सरकार के साथ साथ प्रदेश सरकार को भी आगे आना चाहिए। ये बातें करते हुए मैंगो ग्रोवर एसोसिएशन आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंसराम अली ने गुरुवार को कहा कि पूरे भारत में लगभग 26 लाख हेक्टेयर में आम उत्पादक सिर्फ आम उत्पादन में लगे हुए है। कभी मौसम की मार तो कभी कीटों की भरमार के कारण आम उत्पादकों के साथ तरह तरह की समस्याएं हो रही है जिसके कारण आम की पैदावार पर बहुत अधिक फर्क पड़ रहा है। इस वर्ष उत्तर प्रदेश की 14 फल पट्टियों में लगभग 20% ही आम की फसल आई है और उस पर भी आंधी तूफान के कारण बहुत नुकसान हो गया है जिसके कारण आम के कारोबार से जुड़े सभी लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। बेटियो की शादी नहीं हो पा रही है, टूटे घर नहीं बन पा रहे है तब ऐसे में आम उत्पादक आखिर कैसे जीवन निर्वहन करे। मीडिया से बात करने के दौरान इंसराम अली ने अपनी मांगे रखते हुए कहा आमपट्टी के आस पास बिजली की निरंतर 24 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित रहे जिससे आम उत्पादक अपने बागो की सिंचाई कर सकें। किसानों की तरह आम उत्पादक किसानों को भी फसल बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बेमौसम आंधियों के कारण आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है उसकी छतिपूर्ति उसी प्रकार की जाए जिस तरह किसानों को ओला पड़ने पर की गई थी। आम की अच्छी फसल लेने के लिए जिन दवाओं का प्रयोग किया जाता है उनकी डयुप्लीकेसी को रोका जाए। आम फलपट्टी में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए तथा फूड प्रोसेसिंग यूनिट फल पट्टियों में लगाई लगाई जाए जिन में बिजली आ पूर्ति की सुचारू व्यवस्था व अन्य सुविधाओं का बंदोबस्त किया जाए।