अम्बिकानन्द त्रिपाठी
फैजाबाद | आयुक्त कार्यालय परिसर स्थित, गांधी सभागार, फैजाबाद में रबी अभियान 2018-19 के अन्तर्गत अधिक फसलोत्पादन के लिए प्रमुख सचिव कृषि एवं कृषि शिक्षा अमित मोहन प्रसाद, लखनऊ की अध्यक्षता मंे फैजाबाद एवं देवीपाटन मण्डल की मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी के आयोजन में मण्डलायुक्त मनोज मिश्र, कृषि निदेशक उ0प्र0, निदेशक बीज प्रमाणीकरण एवं निदेशक उद्यान ने किसानो की आय दुगनी करने की रणनीति एकीकृत फसल प्रबन्धन, फसल चक्र के लाभ, गहरी जुताई, हरी खाद, कम्पोस्ट खाद/वर्मी कम्पोस्ट के महत्व, फसल अवशेष प्रबन्धन, जैविक खेती, फसलों के उन्नत विधियों, बीजों की व्यवस्था, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, विभिन्न योजनाओं में देय अनुदान, मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन, फसलों मे पोषक तत्व प्रबन्धन, कृषि यन्त्रीकरण, कृषि रक्षा, सिचांई एवं जल प्रबन्धन, बोछारी सिंचाई, सोलर पम्प आदि विषयों पर जानकारी देने के साथ-साथ गोष्ठी में उपस्थित दोनो मण्डलों को प्रगतिशील किसानों के द्वारा बताई गई समस्याओं के निराकरण की जानकारी दी गई।
गोष्ठी में प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि किसान भाई मृदा परीक्षण के बाद आवश्यकतानुसार खाद का प्रयोग करें। फसलो की बुवाई समय से करें 15 से 20 नवम्बर तक गेहूँ की बुवाई करें, लाइन में बुवाई करें, वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करें। इससे निश्चित रूप से उपज बढ़ेगी। किसान भाई उपज बाजार की मांग के अनुसार बढ़ायें तो अच्छा लाभ मिलेगा। गोष्ठी में जनपद अम्बेडकरनगर की महिला कृषक श्रीमती लीलावती सिंह के सुझाव जो लाभ पुरूष किसान के के साथ दुर्घटना होने पर प्राप्त होता है वही लाभ महिला किसान को भी मिले पर विचार करेगंे। उन्होने कहा कि सरकार जैविक उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने के लिये तेजी से कार्य कर रही है। यदि किसान अपना समान सीधे बेच रहा है तो उस पर कोई मण्डी शुल्क नही लगेगा, आवश्यक है कि किसान संगठित हो जिससे व्यापारियों को टमाटर, मटर या अन्य उत्पाद एक जगह थोक में प्राप्त हो सके जिससे किसानो को अच्छा मूल्य प्राप्त होगा।
मुख्य सचिव ने जनपद फैजाबाद के पांचो तहसीलों में 01 अक्टूबर को आयोजित पेटिंग प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 15 प्रतिभागियों को क्रमशः 10 हजार, 7.5 हजार व 5 हजार रू0 प्रदान किये। उन्होनें कहा कि 26, 27 व 28 तारीख को आयोजित होने वाले कृषि कुम्भ में राज्य स्तर पर प्रथम 10 सबसे अच्छी पेन्टिग बनाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जायेगा। उन्होनें कहा कि इस वर्ष प्रदेश में 10 हजार सोलर पम्प का लक्ष्य है जिसके लिए किसानो की चयन की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ होगी। उन्होने कहा कि सरकार किसानो की समस्याओं के प्रति, विपणन के प्रति संवेदनशील है। 01 नवम्बर से धान क्रय केन्द्रो पर धान की खरीद प्रारम्भ होगी। सरकार दलहन एवं तिलहन के क्रय केन्द्र खुलवायेगी।
मण्डलायुक्त मनोज मिश्र ने कहा कि किसान भाई फसल चक्र अपनायें। जैविक खेती करें। यदि उत्पाद गुणवत्तापरक होगा तो खाद्य पदार्थो मे सभी तत्व मौजूद रहेगें तो हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। उन्होनें कहा कि जनपद फैजाबाद में पशुशाला के स्थानो पर कार्य चल रहा है, जिसमें से एक में पशुओं को भेजा जाना शुरू कर दिया गया है। मण्डल में पशुपालन विभाग द्वारा छुट्टा साड़ो के बाधिया करण का कार्य किया जा रहा है। उन्होनंे कहा कि नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ऐसे सीमन की खोज की गई है, जिससे केवल बछिया ही पैदा होगें। मण्डलायुक्त ने कहा कि किसान भाई पराली को न जलायें। फसल अवशेष को जलाना कार्बनिक पदार्थो का नाश है और यह कानूनन जुर्म भी है।
गोष्ठी में कृषि निदेशक उ0प्र0 ने कहा कि वर्तमान में किसानो के लिये बड़ी चुनौतियां है, हर चीज बाजार से लेनी पड़ रही है जिससे पैसा बाहर जाता है और लाभ कम होता है जिसका परिणाम है कि किसान और मजदूर की आमदनी बराबर हो गई है। आमदनी बढ़ाने के लिये उत्पादन बढ़ाना होगा, लागत कम करनी होगी और उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त करना होगा, इसके लिये उत्पादन की बिक्री अपने हाथ में लेना होगा। उन्होनें कहा कि मिट्टी का स्वास्थ्य खराब हो रहा है, मिट्टी में 16 महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यदि यह तत्व पौधों में नही है तो निश्चित रूप से इसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ेगा। मिट्टी की उर्वराशक्ति बढ़ाने के लिये 15 से 20 से0मी0 तक की गहरी जुताई करें। गोबर के खाद का प्रयोग करें, फसलो के अवशेष को सड़ा कर मिट्टी में नीचे ले जायें। अवशेष को जल्दी सड़ाने के लिये 25 से 50 किग्रा0/हे0 यूरिया या डी कम्पोजर का प्रयोग करें तभी अच्छी फसल होगी। फसल चक्र अपनायें, नियमित अंतराल पर दलहन की फसल लगायें। ढेंचा व सनई की बुवाई करें। इसके जड़ो से मिलने वाले नाइट्रोजन को उपयोग में लाये, इससे उर्वराशक्ति बढ़ेगी।
उन्होनें कहा कि जब मिट्टी के सेहत सुधरेगी तभी जानवरो और किसानो की सेहत भी सुधरेगी और किसानो की आय दोगुनी होगी।
आयोजित उक्त रबी उत्पादकता गोष्ठी में सम्बन्धित मण्डल के सम्बन्धित जिलों के जिलाधिकारी, कृषि एवं सम्बद्ध विभाग के सम्बन्धित अधिकारी एवं मण्डल स्तरीय अधिकारी, कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ सम्बन्धित मण्डल के जनपदों के प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।