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ग्राम प्रधानों की एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन

हाथरस। जनपद की संघठित ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों की एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन एबीजी हॉस्पिटल सासनी में जिलाधिकारी रमेश रंजन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने संघठित ग्राम पंचायतों के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानो की एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया।परियोजना निदेशक अश्वनी कुमार मिश्र ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कार्य योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों को भलिभांति समझ लें। मुख्य विकास अधिकारी ने ग्राम प्रधानों को सम्बोधित करते हुए उनके कर्तव्यों एवं दायित्वों के जानकारी देते कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करना है। उन्होंने ग्राम प्रधान के कत्र्यव्य, विशेषाधिकार, पंचायत पर नियन्त्रण, ग्राम पंचायत के कार्य, वित्तीय एंव प्रशानिक स्वीकृति, पुरस्कार आदि के बारें में विस्तृत जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को नियंत्रित किये जाने के लिये आवश्यक है कि ग्राम पंचायत की निगरानी समिति ग्राम स्तर पर सक्रिय रूप प्रतिदिन से कार्य करे। उन्होंने कहा कि गाँव में 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का अधिक से अधिक टीकाकरण किया जाये, उन्होंने कहा कि अधिकतर गाँवों शिकायतें मिल रही है कि स्वास्थ्य टीम के लिये सहयोग नहीं मिल रहा है, उन्होंने टीकाकरण की गति को बढ़ाने के साथ साथ अपना पूर्ण सहयोग देने के लिये कहा। ग्राम प्रधानों सम्बोधित करते हुऐ कहा कि संदिग्ध/लक्षणयुक्त मरीजों को तत्काल मेडिसिन किट वितरित की जाए। कोविड-19 के संक्रमण पर नियन्त्रण हेतु ग्राम में नियमित समय अन्तराल पर सोडियम होइपोक्लोराइड के माध्यम से सैनिटाइजेशन का कार्य किया जाये तथा ग्रामवासियों को कोविड-19 से बचाव के लिये टीकाकरण कराये जाने हेतु प्रेरित किया जाए। अन्य जनपदों से आने प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के अन्तर्गत जॉब कार्ड बनवाते हुये उन्हें रोजगार दिया जाये। ग्राम पंचायत में साफ-सफाई नियमित रूप से की जाये यदि किसी ग्राम पंचायत में सफाई कर्मियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है तो उसकी सूचना विकास खण्ड एवं जिला स्तर पर जरूर दी जाए। उन्होंने सरकार की विशेष प्राथमिकता वाले कार्यक्रम जैसे-तालाबों का सौन्दर्यीकरण एवं ग्राम पंचायतों में सभी नालियों का जुड़ाव किसी न किसी तालाब से हो तथा बिना अवरोध के नालियों का पानी तालाब तक पहुँच जाए। जिलाधिकारी ने नवनिर्वाचित प्रधानों से वृक्षारोपड की अभी से कार्य योजना बनाकर वर्षा ऋतु में अधिक से अधिक वृक्षारोपड़ कराऐं।
उन्होंने ग्राम प्रधानों से कहा कि गाँव स्वच्छ एवं साफ सुथरे दिखने चाहिये। गीला कचरा (कार्बनिक) एवं सूखा कचरा (अकार्बनिक) का पृथक्करण ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाए। पाॅलीथीन पूर्णतः प्रतिबंधित है जिसका किसी भी दशा में प्रयोग न किया जाये। जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन नहीं है वहाँ पर पंचायत भवन के लिये कार्य योजना बनाने हेतु निर्देशित किया। ग्राम पंचायतों में खेल का मैदान विकसित किया जाना है जिस हेतु ग्राम पंचायतों में जगह का चिन्हीकरण किया जाना है। खेल का मैदान विकसित होने से गांव के बच्चों के लिये खेलने एवं गाॅव के बुजुर्ग व्यक्तियों के लिय बैठने एवं टहलने का एक स्थान नियत होने से बच्चों के शीरीरिक विकास में बृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि 2024 तक हर गाँव को पेयजल की आपूर्ति कर दी जाये। ग्राम प्रधानों ने अपने अपने ग्राम पंचायत की समस्याओं के बारे में जानकारी दी। जिलाधिकारी ने समस्याओं के समाधान का त्वरित गति से समाधान कराने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आर.बी भास्कर, उप जिलाधिकारी सासनी विजय शर्मा, जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत, डी.सी मनरेगा एवं नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान आदि उपस्थित रहे।

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