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मदीना में सिनेमाहॉल खोलने के फैसले पर बरेलवी उलमा नाराज

बरेली । सऊदी अरब की हुकूमत के पैगंबर मोहम्मद साहब की कर्म स्थली पवित्र शहर मदीना शरीफ में सिनेमाहॉल खोलने के फैसले पर बरेलवी उलमा ने सख्त नाराजगी जताई है। तंजीम उलमा इस्लाम ने चेतावनी दी है कि अगर सऊदी अरब ने फौरन सिनेमाघरों के निर्माण की योजना पर रोक नहीं लगाई गई तो पूरी दुनिया के बरेलवी मुसलमान सऊदी अरब की हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। तंजीम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि सऊदी हुकूमत सिनेमाघर खोलकर इस्लाम को बदनाम करना चाहती है। उसे मक्का और मदीना शरीफ की पवित्रता भंग नहीं करने दी जाएगी, क्योंकि इन शहरों से दुनिया भर के मुसलमानों की आस्था जुड़ी है। उन्होंने कहा कि खादिमुल हरमैन (सऊदी बादशाह का पद) का फर्ज है कि मक्का और मदीना शरीफ की अजमत, इज्जत और पवित्रता खत्म न होने दे। मगर मदीना शरीफ में सिनेमा घर खोलने की इजाजत देकर वहां की हुकूमत ने यह साबित कर दिया है कि वह सऊदी अरब पर शासन करने के लायक नहीं है। रजवी ने कहा कि सऊदी अरब हुकूमत को आलिम-ए- इस्लाम के जज्बात का ख्याल रखते हुए पैगंबर मोहम्मद साहब की कर्म और निर्वाण स्थली मदीना को सिनेमाघर रूपी ‘बेहयाई के अड्डों’ से महफूज रखना चाहिए। खानकाह कादरिया रहमानिया चनहटा के गद्दीनशीन मौलाना सूफी अब्दुर्रहमान कादरी ने कहा कि कुरान और हदीस ने मुस्लिम समाज को बुराइयों से बचने का फरमान जारी किया है। उन्होंने कहा, ‘सऊदी हुकूमत गाने-बजाने और तमाशे जैसी बुरी चीजों को खत्म करने के बजाय बढ़ावा दे रही है। आज के दौर में फिल्मों में जो कुछ परोसा जा रहा है, वह आम लोगों के ही देखने लायक नहीं है। ऐसे में मदीना जैसे पाक शहर में इसके अड्डे तैयार करना नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है।’ खानकाह जहांगीरिया कैंट के गद्दीनशीन सूफी पीर मोहम्मद हनीम लियाकती ने कहा कि सऊदी हुकूमत और उसके क्रॉउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान नाजायज कामों को बढ़ावा दे रहे हैं। गौरतलब है कि सऊदी अरब की सरकार ने पिछले साल नवंबर के अंत में मुसलमानों के पवित्र शहर मदीना में किंग सलमान रोड पर 10 सिनेमा घर, 32 रेस्टोरेंट और दो मनोरंजन स्थल विकसित करने की घोषणा की थी। इनका निर्माण कार्य जनवरी 2022 तक पूरा होना है। इस्लाम में गाने बजाने को हराम करार दिया गया है। सऊदी अरब सरकार के इस फैसले पर पूरी दुनिया के उलमा सख्त नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

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