सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा। हिन्दी भाषा का मान-सम्मान और अधिक बढ़े इसी को ध्यान में रखते हुए आईटीआई राजभाषा अनुभाग द्वारा 22 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को आई टी आई संचार विहार मनकापुर के आफिसर्स क्लब में शाम को एक काव्य-सन्ध्या आयोजित की गयी। मुख्य अतिथि मानव संसाधन प्रमुख वाई एस चौहान, रजनीश भटनागर उपमहाप्रबंधक, विशिष्ट अतिथिगण लखनऊ से आये हुए राजेन्द्र मिश्र ‘कात्यायन’ हरि मोहन बाजपेई ‘माधव’, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप तिवारी, महामंत्री उमेश चन्द्र, आफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष जेके श्रीवास्तव, महामंत्री नदीम जाफरी द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलित कर माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही काव्य-सन्ध्या का शुभारंभ किया गया। काव्य-सन्ध्या की अध्यक्षता साहित्य भूषण से सम्मानित कवि डॉ सतीश आर्या ने की। यह काव्य-सन्ध्या आईटीआई राजभाषा हिन्दी क्रिवांनयन समिति के सचिव अशोक वर्मा एवं कवि राम लखन वर्मा के संयोजन में आयोजित की गई। काव्य-सन्ध्या का संचालन एवं माँ बाणी की वंदना कवि ईश्वर चन्द्र मेंहदावली द्वारा किया गया। लखनऊ से पधारे राष्ट्रीय सहारा के सीनियर कार्टूनिष्ठ कवि हरिमोहन बाजपेई ‘माधव’ ने पढ़ा-
जिंदगी यूं गुजार दी हमने।
सूरते हाल अपने खस्ता हैं।
सबकी सूरत सवाँर दी हमने।
कोई जोभी मिला मुहब्बत से।
बांहे अपनी पसार दी हमने।
लखनऊ से ही आये हुए महान खेल पत्रकार एवं साहित्यिक कार राजेन्द्र मिश्र ‘कात्यायन’ ने पढ़ा- जो सुर में सुर मिलाता है।
वही तरक्की पाता है।
सच की जिसने करी पैरवी।
वह पीछे रह जाता है। कवि राम हैसिला शर्मा ने पढ़ा- हे ईश्वर मुझे न रतन चाहिए। सुख से भरपूर अपना वतन चाहिए। मसकनवा से पधारे कवि सुधांशु गुप्ता ‘बसन्त’ ने पढ़ा- मक्कारी का दौर है, मक्कारों की फौज। आंखों का पानी मरा, मिलकर करते मौज।
कवि एवं मीडिया प्रभारी राम लखन वर्मा ने जीवन का एहसास कराते हुए पढ़ा – अलग अलग कर देखो मत, जुड़े हुए है सारे तार। अगर बजाओ धीरे से, निकलेगी मीठी झंकार। काव्य-गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कवि डॉ सतीश आर्य ने पढ़ा- मैं तुम्हें चांद कहकर पुकारा करूंगा। नयन भर तुम्हे मैं पुकारा करूंगा। तुम उतरो न उतरो धरा पर कहीं। किंतु मन में तुम्हें मैं उतारा करूंगा। इस काव्य-सन्ध्या में डॉ यू के विसेन मुख्य चिकित्साधिकारी ITI, डॉ धीरज श्रीवास्तव, कवि राम कुमार नारद, ब्रिज राज श्रीमाली,चन्द्रगत कुमार भारती,उमाकांत कुशवाहा, कवियत्री इशरत सुल्ताना ने भी अपनी रचनाएं पढ़ी। आईटीआई लिमिटेड के इकाई प्रमुख अजय कुमार श्रीवास्तव ने अपने सम्बोधन में कहा कि आगे भविष्य में भी इस तरह की काव्य सन्ध्या बृहद रूप में कई जानी चाहिए और हमारी आईटीआई को अगर काम मिलता रहे तो हम अपने संस्थान को और ऊँचाई पर ले जा सकेंगे। अंत मे मुख्य अतिथि वाई एस चौहान ने सभी कवि एवं साहित्यकारों के अलावा उपस्थित श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर के एन दुबे, कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष गुरूबक्स, कोषाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, राम दर्शन तिवारी, गुरूप्रसाद,राम राज मिश्रा, विजय लक्ष्मी उपस्थित रहीं। इस काव्य सन्ध्या में उपस्थित श्रोताओं ने दोहे, छंदों, गीतों एवं गजलों का भरपूर आनंद लिया।