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लखनऊ विकास प्राधिकरण की जन शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा बैठक में निस्तारित जन शिकायतों की गुणवत्ता व शिकायत कर्ता की सुरक्षा पर नहीं हुई कोई चर्चा

ल.वि.प्रा. उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने जन शिकायतों को समयबद्ध निस्तारित करने के दिये निर्देश
गलत आख्या देने वाले अभियंताओं के खिलाफ क्या होगी कार्यवाही ?
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने शुक्रवार को जन शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा बैठक की। बैठक में उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने सर्वप्रथम जोन-1 के अधिशासी अभियन्ता अवनीन्द्र सिंह से जन सामान्य द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्रों पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी। इसमें अधिकांश मामले प्रवर्तन से सम्बन्धित थे। अभियन्ताओं द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने पर उपाध्यक्ष ने साक्ष्य के रूप में इनसे सम्बन्धित दस्तावेज, फोटो व वीडियो भी मांग लिये। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे भविष्य में होने वाली बैठकों में कार्यवाही से सम्बन्धित फोटो व वीडियो जरूर प्रस्तुत करें। इसी तरह जोन-6 के अधिशासी अभियन्ता कमल जीत सिंह से शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए उपाध्यक्ष ने सम्बन्धित शिकायत कर्ता को मीटिंग हाॅल में बुलाकर दोनों का आमना-सामना कराया। इनमें से दो मामलों में अधिशासी अभियन्ता द्वारा प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही की जा चुकी थी, जबकि एक प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित होने की जानकारी दी गई। इस पर उपाध्यक्ष ने शिकायत को जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिये। उपाध्यक्ष महोदय द्वारा जन सम्पर्क के दौरान प्राप्त प्रार्थना पत्रों में से कुछ मामलों पर निर्देशों का अनुपालन समय से न करने पर समीक्षा बैठक में नराजगी प्रकट की गई। उनके द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी मामलों को समयबद्ध तरीके से निस्तारित किया जाये। इस दौरान उन्होंने जोनवार सम्बन्धित अधिकारियों से प्रत्येक जन शिकायतों पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा लिया। कुछ प्रकरणों में उपाध्यक्ष ने शिकायतकर्ताओं को खुद फोन करके अधिकारियों द्वारा उनके प्रार्थना पत्रों पर की गई कार्यवाही पर उनकी संतुष्टि जानी। बैठक में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, विशेष कार्याधिकारी डी.के सिंह व रामशंकर समेत सभी जोन के अधिशासी अभियन्ता तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
गौर तालाब यह है कि समीक्षा बैठक में उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने जन शिकायतों को समयबद्ध निस्तारित करने के निर्देश के निर्देश तो दे दिऐ परन्तुं साथ ही निस्तारित जन शिकायतों की गुणवत्ता व शिकायत कर्ता की सुरक्षा पर कोई चर्चा नहीं की। और न ही सम्बंधित अधिकारीयों को कोई चेतावनी दी कि निस्तारित जान शिकायत की गलत व फर्जी आख्या देने वाले अभियंताओं के खिलाफ क्या होगी कार्यवाही ? इस तथ्य को लेकर कुछ बीते समय में आम जनता व पत्रकारों पर जानलेवा हमले हुए है। अफ़सोस की बात तो यह है कि यह सभी हमले विभागीय सम्बंधित अधिकारीयों द्वारा मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल की गोपनीयता को भांग करके शिकायत कर्ताओं की गोपनीय जानकारी बिल्डर्स आदि को दी गयी जो एक संगीन अपराध की श्रेणी में आता है। इस जानकारी को लेकर शिकायत कर्ताओं पर आये दिन जानलेवा हमले होते हैं।अब देखना यह है कि ल.वि.प्रा. उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा उक्त प्रकरण में दोषी अधिकारीयों के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाकर किस हद तक दण्डित करते है या यूँ ही शिकायत कर्ताओं को दबंगों के कोप का भाजन बनते रहना पड़ेगा और उनकी शिकायतों का निस्तारण निष्पक्ष रूप से कभी नहीं हो सकेगा।

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