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क्या है सौभाग्य योजना? कैसे और किसको मिलेगा इसका लाभ?

देश में एक ओर बुलेट ट्रेन की आधारशिला पड़ चुकी है तो दूसरी ओर यह भी हैरानी भरी बात है कि स्‍वतंत्रता के 70 वर्ष बाद भी हमारे देश में चार करोड़ से ज्‍यादा घर ऐसे हैं जिसमें बिजली कनेक्‍शन नहीं है। क्या यह चार करोड़ घर वाकई भारत के विकास के सफर के हमसफर हैं? यकीन करना मुश्किल होता है कि 21वीं शताब्दी के दौर में आज भी बड़ी संख्या में लोग 18वीं शताब्‍दी में गुजारा कर रहे हैं। चार करोड़ घरों में आज भी मोमबत्तियां जल रही हैं, ढिबरी जल रही है, लालटेन जल रही है। उन करोड़ों गरीब परिवारों में आज भी शाम के बाद बच्‍चों को पढ़ने में दिक्‍कत होती है। पढ़ते भी हैं तो लालटेन की रोशनी में। महिलाएँ खाना अंधेरे में बनाती हैं या फिर लालटेन की रोशनी में। अधिकतर महिलाओं पर दिन ढलने से पहले ही रसोई का काम खत्‍म करने का दबाव रहता है। क्या यूँ ही बनेगा नया इंडिया?
शायद ग्रामीण भारत की इसी सबसे बड़ी परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौभाग्य योजना का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री को उम्मीद है कि जिस प्रकार उज्ज्वला योजना ने करोड़ों महिलाओं के जीवन को ना सिर्फ धुएँ से मुक्ति दिलाकर उनके स्वास्थ्य की रक्षा की बल्कि उनका जीवन भी आसान बनाया उसी प्रकार सौभाग्य योजना भी ग्रामीण भारत की तसवीर बदलने में कामयाब रहेगी। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिले प्रचण्ड बहुमत के पीछे उज्ज्वला योजना के सफल क्रियान्वयन को भी बड़ा कारण माना गया था। आइए जानते हैं सौभाग्य योजना क्या है और इसका लाभ किसको और कैसे मिलेगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित की गयी इस महत्वाकांक्षी योजना का नाम ‘प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना’ है। जिन लोगों का नाम 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना में है उन्हें इस योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जायेगा। जिन लोगों का नाम सामाजिक आर्थिक जनगणना में नहीं है, उन्हें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें बिजली का कनेक्शन मात्र 500 रुपए देकर मिल सकता है और यह 500 रुपए भी वह दस आसान किस्तों में दे सकते हैं। जहां बिजली नहीं पहुंची है वहां इस योजना के तहत सरकार की ओर से हर घर को एक सोलर पैक दिया जायेगा जिसमें पांच एलईडी बल्ब और एक पंखा होगा। बिजली से वंचित चार करोड़ घरों की बड़ी संख्या को देखते हुए सरकार ने इस योजना के लिए 16 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है। इस योजना के तहत सरकार मिट्टी के तेल का विकल्प भी बिजली को बनाएगी। इसके लिए सरकारी कंपनी ओएनजीसी की ओर से नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप के लिए अच्छा खासा फंड रखा गया है। सरकार चाहती है कि युवा घरेलू काम में आने वाले और कम ऊर्जा खपत वाले बिजली के उपकरण बनाएं। इस योजना की अन्य मुख्य बातों में शैक्षिक और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, जनता की सुरक्षा और संचार के साधन को और बेहतर बनाना तथा मुख्य रूप से रोजगार के अवसर बढ़ाना शामिल है। सरकार मान कर चल रही है कि इस योजना के जरिये लोगों, खासकर महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार होगा क्योंकि जब घरों में रोशनी नहीं, बिजली कनेक्‍शन नहीं तो इसका सीधा असर रास्‍तों की रोशनी पर भी पड़ता है। अंधेरे में घर से बाहर निकलना और मुश्किल हो जाता है। विशेषकर महिलाएं तो जैसे घर में ही बंद होकर रह जाती हैं। सरकार का कहना है कि वह खुद गरीब के घर पर आकर बिजली कनेक्‍शन देगी। जिस बिजली कनेक्‍शन के लिए गरीब को कभी गांव के मुखिया के घर और फिर सरकारी दफ्तरों में चक्‍कर लगाने पड़ते थे। उस गरीब को घर जाकर सरकार खुद बिजली कनेक्‍शन देगी।

– शुभा दुबे

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