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हिस्ट्रीशीटर ने गुमशुदा पत्नी की हत्या में चार निर्दोषों को फंसाया

जेल में बैठे बैठे रची हत्या कर शव गायब करने की साजिश पुलिस ने महिला को नेपाल बॉर्डर से बरामद कर साजिश को किया बेनकाब

सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा पति की प्रताड़ना से परेशान पत्नी द्वारा भागकर दूसरी शादी कर लेने के बाद जेल में बंद पति ने अपनी पत्नी की हत्या के आरोप लगाते हुए चार व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। अपने उत्कृष्ट कार्यों से चर्चा में रहने वाले वरिष्ठ उप निरीक्षक रतन कुमार पांडेय ने हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए सुनीता को बरामद कर रहस्य से पर्दा उठा दिया।
विदित हो कि थाना कटरा बाजार अंतर्गत देवा पसिया भटपुरवा निवासी राम सेवक दीक्षित ने जेल में बंद रहते हुए चार लोगों के विरुद्ध अपने पत्नी सुनीता की हत्या कर लाश गायब करने का आरोप लगाते हुए न्यायालय के माध्यम से ललित, प्रेमबाबू, नसीर, मुनऊ के विरुद्ध मुकद्दमा दर्ज कराया । मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर ने थाना कटरा बाजार को उक्त प्रकरण में खुलासे हेतु निर्देशित किया था। मुकदमें की विवेचना कर रहे वरिष्ठ उप निरीक्षक रतन कुमार पांडेय ने खोजबीन शुरू कर दी। खोजबीन से पता चला कि रामसेवक दीक्षित की पत्नी सुनीता जीवित है मगर वह कहां है किसी को पता नही है। श्री पांडेय पुलिस बल के साथ सुराग हेतु कई जनपदों का भ्रमण करते रहे। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार कामयाबी हाथ लगी। पता चला कि रामसेवक दीक्षित की पत्नी सुनीता नेपाल बार्डर के निकट सोनपुर थाना नवाबगंज जनपद बहराइच में है। आनन फानन रतन कुमार पांडेय पुलिस बल के साथ बहराइच रवाना हुए।वहां पहुंचकर देखा तो सुनीता ने दूसरी शादी कर ली थी तथा उसके पास एक छह माह का बच्चा था। रतन कुमार पांडेय सुनीता के साथ उसके दूसरे पति बड़कऊ व बच्चे को लेकर थाना कटरा बाजार पहुंचे जहां पूछ-ताछ करने पर सुनीता ने बताया कि उसका पहला पति रामसेवक एक आपराधिक किस्म का व्यक्ति है जो उसके साथ हमेशा मारपीट किया करता था। सुनीता ने रोते हुए कहा न तो उसके पास रहने लिए घर था और न ही उसे पर्याप्त भोजन मिलता था तथा उसका पति रामसेवक उसे मार डालना चाहता था। सुनीता ने कहा कि बड़कऊ नामक युवक के साथ मैंने विवाह कर लिया है और हम दोनों हंसी खुशी रहकर अपना जीवन गुजार रहे हैं। आपको बता दें कि सुनीता के पहले पति रामसेवक दीक्षित निवासी देवापसिया हिस्ट्रीशीटर है तथा उसके विरुद्ध थाना कटरा बाजार से लेकर अम्बाला तक विभिन्न धाराओं में लगभग दो दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत है। वहीं सुनीता की बरामदगी से हत्या की आरोप में घिरे चारों आरोपियों ने राहत की सांस ली है। मुकदमा लिखे जाने के मात्र 12 दिन में कटरा बाजार पुलिस ने जिस तरह भागदौड़ कर हत्या की गुत्थी सुलझाई है वह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। इस सराहनीय कार्य पर वरिष्ठ उप निरीक्षक रतन कुमार पांडेय की क्षेत्र में प्रशंसा की जा रही है।

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