मोहनलाल गंज , लखनऊ । सरकार स्वच्छ भारत ,सुंदर भारत के तहत स्वच्छता अभियान की मुहिम छेड़ रखी है , और सभी सरकारी मुलाजिमों को स्वच्छता अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने में जनता का भरपूर सहयोग करने और गांवो की गलियों से लेकर शहर की पक्की सड़को और सार्वजनिक स्थानों व धर्मस्थलों पर शत प्रतिशत स्वच्छता के लिये प्रयासरत है।
वही तहसील मोहनलाल गंज से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित मऊ गांव में गंदगी का अंबार लगा है , गांव की नालिया चोक पड़ी है , सड़को पर गंदा बदबूदार पानी भरा है , ये नजारा कोई भी इस गांव में पहुच कर देख सकता है , खास बात ये है कि जब तहसील मुख्यालय से महज एक किलोमीटर स्थित मऊ गांव की ये हालात है तो भला तहसील से जो गांव बीस किलोमीटर दूर बसे है उनकी हालात कैसी होगी? इस गांव के ग्रामीण बताते है कि सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति होती है, सफाईकर्मी एक तो आता ही नही है और आता भी है तो कुछ खास व चुनिंदा रसूखदार लोगो के घरों के सामने बनी सरकारी नालियों की साफ सफाई करके चला जाता है । बाकी गली मोहल्ले के रहने वाले ग्रामीणों के घरों के सामने बनी सरकारी नालिया गंदगी से पटी पड़ी है और चोक हो चुकी है , जिसके कारण गंदा और बदबूदार पानी सड़को के ऊपर से बह रहा है ।और उसी पर से ग्रामीण गुजरने को विवश है । इतना ही नही इसमें गिरकर अब तक कई साईकल और दो पहिया वाहन से चलने वाले ग्रामीण चोटिल भी हो चुके है ।बताते चले कि मऊ गांव मुख्यमंत्री समग्र ग्राम योजना के अन्तर्गत चयनित गांव भी है और विकास के लिए काफी बजट भी आता है। ऐसा नही है कि ग्रामीण इस बात की शिकायत नही करते है , करते है तहसील दिवस से लेकर सरकारी अधिकारियों के दफ्तरों में पहुचकर लिखित व मौखिक शिकायत करते है पर ग्रामीणों की समस्या का समाधान आज तक नही हुआ।और गांव में बदहाली और गंदगी का अंबार लगा हुआ है जिससे कभी भी कोई भयानक बीमारी फैलने की आशंका भी ग्रामीणों को भयभीत किये हुए हैै।
तालाबो पर अवैध कब्जेदारी
हटवाने में प्रशासने नाकाम
मऊ ग्राम सभा मे तालाबो पर व ग्राम समाज की जमीनों पर अवैध कब्जेदारी हटाने में प्रशाशन नाकाम है , ग्रामीणों द्वारा अब तक दर्जनों शिकायते की जा चुकी है सरकारी मुलाजिमों से,लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात निकला , कुछ ग्रामीणों द्वारा तालाबो की अवैध पटान कर कब्जेदारी धड़ल्ले से की जा रही है , लेकिन प्रशाशन इस बात से अनजान है । वही ये बात ग्रामीणों को सोच में डाल देती है कि महज तहसील से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित जब इस गांव में प्रशासनिक अधिकारी नही पहुच पा रहे है तो भला दूर दराज के गांवो का दौरा कैसे करते होंगे साहब लोग , खैर जो भी हो यदि समय रहते प्रशासन ने ग्रामीणों की बात पर तवज्जो न दी तो हालात और भी बदतर हो जायेग । तालाबो की जमीनों पर पटान कर अवैध कब्जेदारी ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी है , क्या ग्रामीणों को इस गंभीर समस्या से निजात मिल सकेगा ये बात ग्रामीणों में चर्चा का विषय बन चुकी है ।।
मोहम्मद सलीम