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दसवें दिन भी त्रिलेश्वर नाथ मंदिर पर अभिषेकात्म्क श्री रुद्र महायाज्ञ में झूमते नजर आए श्रद्धालु

मुख्य जिला संवादाता वर्मा की रिपोर्ट

मसकनवा गोंडा
अभिषेकात्म्क श्री रुद्र महायज्ञ मे जमकर झूमे श्रद्धालु। श्री त्रिलेश्वर नाथ मंदिर पर हो रहे दस दिवासिए अभिषेकात्म्क श्री रुद्र महायज्ञ के दसवें दिन के पावन अवसर पर सैकड़ो की त्यादात मे एकत्रित हुये श्रद्धालुओ को जमकर भक्ति मे झूमते एवं आनंद लेते हुये नज़र आए ।भगवान श्री राम जी की जन्मस्थाली अयोध्या की पावन नगरी से आए हुए मुनि श्री विजय शंकर जी महाराज ने अपने कथा के माध्यम से आए हुये श्रद्धालुओ को बताया कि,जल चड़ाने ,चन्दन लगाने, चावल चड़ाने,धात-धतूर,फूल के संजावट,व बेल का पत्ता चड़ाने से भगवान श्री शिव शंकर जी महाराज प्रश्न्न होते हैं। महाराज जी ने अपने कथा से ही लोगो को प्रेरणा दी कि हम सभी मानव जाती को जातिवादी को छोड़ को अपने देश के कल्याण के बारे मे सोचना चाहिए। यदि हम मानव जाती परमात्मा को पाना चाहते हैं तो पहले आत्मा को जितना होगा । श्री माराज जी ने अपने कथा के माध्यम से लोगो को प्रेरणा दी की हमारे परमात्मा का उदेश्य है की यदि आप आत्मा को प्रश्न्न कर लेते हो तो में आपको स्वांम मिल जऔंगा ,अर्थात यदि आप अपने मानव जाती को प्रश्न्न रखते हो तथा आपके अंदर सगुण विचार धारा है तो आपको खुद ही ईश्वर की प्राप्ति हो जाएगी।
कथावाचक मुनि ने बताया कि जिस प्रकार जरूरत पड़ने पपर एक राजा अपने मंत्रियो से सलह लेता है उसी प्रकार एक बार भगवान श्री राम जी ने बंदरो से पूछा कि हे बानर देवों अब आप ही सब बताओ कि मैं किसको आचार्य बनाऊँ जिसके द्वारा ये गौरी कार्य (रुद्र महायज्ञ) कराऊँ, तभी एक बंदर ने हल्की स्वर मे बोला कि महाराज इस शुभ कार्य के लिए आपको पंडित रावण को बुलाना चाहिए यह कहकर बंदर चुप-चुप बैठ गया तभी भगवान श्री राम ने कहा कि खड़े हो जाओ और बताओ कि पंडित रावण मे ऐसी क्या खूबी है जो तुम उसे बुलाने के लिए कह रहे हो, तभी बानर ने जवाव दिया कि महाराज रावण जैसा कोई विद्वान नहीं अगर इसके बारे मे जानना है तो सुनो इसने अपने दसों सिरो को काटकर भगवान शिव कि चरणो मे अर्पित कर दिये थे और महाराज इतना ही नहीं इसने प्रति एक हजार वर्ष मे अपना एक सिर चड़ाया था और दस हाजर सालो मे अपने दसों सिर चड़ाएँ थे जिसे प्रश्न्न होकर भगवान शिव ने इसे अपना सबसे बड़ा भक्त बना लिया था।

श्री त्रिलेश्वर नाथ मंदिर पर विशाल भंडारे का हुआ आयोजन
दसवें दिन के कथा कि समाप्ति पर संयोजक श्री पहलवान त्रिपाठी (अध्यक्ष घनश्याम सेना) ने आए हुये सभी श्रद्धालुओ से कहा की कल दिनांक 13 जून दिन बुधवार को इस महा रुद्र महायज्ञ का पूर्णवर्ती होगी जिसके उपलक्ष्य मे विशाल भंडारे का आयोजन कि गया जिसमे अप सभी क्क्षेत्रवासी आमंत्रित हैं।
इस मौके पर भोजपुरी गायक बृजेश मौर्य,राकेश सिंह, सतीस वर्मा,संजय मौर्य दिलीप वर्मा आदि लोग उपास्थि रहे।

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