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स्वतंत्रता के बाद किसानों का पहला आंदोलन था, जिसने संसद में पारित प्रस्तावों की वापसी के लिए सत्तारूढ़ पार्टी को मजबूर किया

सीतापुर। यह स्वतंत्रता के बाद किसानों का पहला आंदोलन था, जिसने संसद में पारित प्रस्तावों की वापसी के लिए सत्तारूढ़ पार्टी को मजबूर कर दिया!हम सभी इस आंदोलन में सैंकड़ों की संख्या में शहीद हो चुके किसानों के बलिदानों के लिए,शत-शत नमन के साथ उनके परिवारों के भरण पोषण और सम्मान के लिए, किसानों में एकजुटता के साथ आवाज बुलंद करने की अपील करते हैं!विगत आंदोलन में किसानों के साथ हुए अन्याय से हुई क्षति की भरपाई,व जमा ट्रैक्टर वापसी और मुवावजे के अलावा अभी फसलों के लिए शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर खरीद के लिए शासनादेश हेतु हम किसानों को संघर्ष करना होगा!यह विचार संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक सीतापुर में,आठ दिसंबर को आयोजित किसान विजय रथ यात्रा की ट्रैक्टर रैली,जो सुबह दस बजे गल्ला मंडी में किसान भाइयों के एकत्रित होने के बाद,शाहजहांपुर चुंगी चौकी से लालबाग चौराहे होकर सीतापुर बसड्डा से बाई पास पहुंचेगी! सभी किसान भाइयों से निवेदन है विजय रथ यात्रा में शामिल होकर हम सभी के उत्साह वर्धन में साथ दे! जिला प्रशासन के साथ हुई संयुक्त किसान मोर्चा बैठक में संयोजक पिंदर सिंह सिद्धू,संगतिन मजदूर किसान यूनियन से ऋचा सिंह,शिव प्रकाश सिंह प्रदेश प्रभारी/राष्ट्रीय सचिव किसान मंच ,किसान मंच महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष अल्पना सिंह, सिख्ख संगठन से गुरुपाल सिंह, युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष दिव्य रत्न सिंह, गुड्डी सिंह महिला प्रकोष्ठ व मोनू सिंह उपस्थित थे।

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