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बहराइच में कस्तूरबा गांधी स्कूल में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी

बहराइच, (वेबवार्ता)। उत्तर प्रदेश के बहराइच में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सुपरवाइजर व सिक्योरिटी गार्ड के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरजनपदीय गिरोह का देहात कोतवाली व एसओजी टीम ने भंडाफोड़ किया है। टीम ने गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र व अन्य फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है। पुलिस अधीक्षक ने टीम को 25 हजार इनाम देकर उत्साहवर्धन किया। पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार ने शुक्रवार को बताया कि बलरामपुर जिले के रेहरा थाना क्षेत्र के सराम खास लोहार निवासी पप्पू वर्मा ने कस्तूरबा विद्यालय में सिक्योरिटी गार्ड के पद पर नियुक्त होने के लिए 40 हजार व श्रावस्ती जिले के गिलौला थानाक्षेत्र के सिविखा निवासी उदय प्रकाश शुक्ला ने भी इसी पद के लिए 10 हजार रुपये मां पाटेश्वरी कंट्रक्सन एंड सिक्योरिटी सर्विस नाम की फर्म को पैसा दिया था। यहां काम कर रहे लोगों ने शासन से भर्ती का टेंडर मिलने का झांसा दिया था। काफी दिन बीत जाने के बाद भी जब दोनों को नौकरी नहीं मिली तो पैसे की मांग की। जब फर्म द्वारा पैसे वापस नहीं किए गए तो पीड़ितों ने देहात कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया और न्याय पाने के लिए पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई। एसपी ने देहात कोतवाल ओपी चैहान व एसओजी टीम प्रभारी निखिल श्रीवास्तव को घटना का खुलासा करने का निर्देश दिए। तभी मुखबिर से पता चला कि फर्म के दो लोग बहराइच में नौकरी दिलाने के नाम पर किसी से पैसे लेने आ रहे है। मुखबिर की सूचना पर संयुक्त टीम ने गोलवाघाट के पास चेकिंग अभियान शुरू कर दिया। इसी दौरान एक कार आती दिखाई पड़ी और पुलिस को देखकर चालक कार भगाने लगा। इस पर पुलिस टीम ने घेराबंदी करते हुए उन्हें दबोच लिया और कार तलाशी ली, तो उसमें फर्जी नियुक्ति पत्र, लैपटॉप, चार मुहर व एक रसीद बुक बरामद हुआ। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में आरोपियों ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने की बात स्वीकार की है। आरोपियों की पहचान गोंडा के अवधेश मिश्रा व दूसरे की देवेंद्र शुक्ला के रूप में हुई। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। सं विनोद वार्ता एसओजी प्रभारी निखिल श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि सिक्योरिटी गार्ड पद के लिए 10 हजार, सुपरवाइजर पद के लिए 40 हजार व एनआरएचएम में बाबू पद के लिए पांच लाख के अलावा चपरासी पद के लिए साढ़े तीन लाख रुपये तय थे। इसी के अनुसार लोगों से ठगी की जाती थी। पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने ठगी का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार नगद देकर उत्साहवर्धन किया है।

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